सीजफायर समझौते के तहत हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों और इजरायली सेना को 60 दिनों के भीतर दक्षिणी लेबनान से पूरी तरह पीछे हटना था। इसके बाद लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूतों को इस क्षेत्र में तैनात किया जाना था। इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने दक्षिणी लेबनान की ओर संदिग्ध गाड़ियों के काफिले को जाते देखा, जिसके बाद हमला किया गया। सेना का आरोप है कि हिज़्बुल्लाह ने सीजफायर की शर्तों का उल्लंघन किया। इसके जवाब में उन्होंने दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों पर हमला किया।
लेबनान की सेना ने आरोप लगाया कि इजरायली सेना ने बुधवार और गुरुवार को कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया। हिज़्बुल्लाह की केंद्रीय नेतृत्व ने चेतावनी दी कि वे सीमा पार इजरायली गतिविधियों पर नज़र बनाए रखेंगे और उनकी “उंगलियां ट्रिगर पर” हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को किसी भी उल्लंघन का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “अगर हिज़्बुल्लाह हथियारबंद होने, रॉकेट लॉन्च करने, सुरंग खोदने, या आतंकवादी ढांचे को पुनर्निर्माण करने की कोशिश करता है, तो हम हमला करेंगे।”
लगभग 13 महीने तक चले भीषण संघर्ष के बाद, इस सप्ताह इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्धविराम समझौता लागू हुआ। यह समझौता अमेरिका और लेबनान की मध्यस्थता से हुआ है। इसके तहत: