पटना: बिहार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायकों के विधानसभा में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जबरदस्ती बैठने का प्रयास संसदीय लोकतंत्र पर काला धब्बा है और लोकतंत्र के मंदिर में इससे दुर्भाग्यपूर्ण कोई घटना नहीं हो सकती है।
‘लोकतांत्रिक मूल्यों को भूल गई है राजद’
कुशवाहा ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि विपक्ष के निम्नस्तरीय आचरण से सदन की गरिमा को गहरी ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि गैर जिम्मेदार विपक्ष ने अशोभनीय और अमर्यादित व्यवहार कर सदन सहित पूरे बिहार को शर्मसार किया है। लोकसभा के बाद विधानसभा उपचुनाव में मिली एक के बाद एक करारी हार की बौखलाहट में राजद लोकतांत्रिक मूल्यों को भूल गयी है और अपनी राजनैतिक कुंठा को प्रकट कर रही है।
‘अराजकता और गुंडागर्दी फैलाना राजद की असली पहचान’
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अराजकता और गुंडागर्दी फैलाना राजद की असली पहचान बन चुकी है, जिसका उदारहण राजद विधायकों ने सदन में प्रदर्शित किया है। जो कि घोर निंदनीय और निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि नया बिहार नब्बे वाले बिहार से बिल्कुल भिन्न है। अब बिहार की जनता ऐसे तत्वों को कभी स्वीकार नहीं करेगी और 2025 के विधानसभा चुनाव में कड़ा सबक सिखाएगी। विपक्ष को जनहित के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। सदन को अनावश्यक बाधित कर आम जनता से संबंधित विकासकार्यों में अवरोध उत्पन्न करना विपक्ष की मानसिकता बन चुकी है, जो कि बिहार के लिए अहितकारी है।