उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 9 सीटों में से 7 सीटें जीत लीं। खास बात यह है कि कुंदरकी और कटेहरी जैसी सीटों पर 31 और 33 साल बाद भाजपा ने विजय प्राप्त की। इन चुनावों में सपा (समाजवादी पार्टी) को बड़ा झटका लगा, खासकर कुंदरकी में जहां सपा की जमानत जब्त हो गई। वहीं, सीसामऊ सीट पर सपा को भाजपा के खिलाफ सहानुभूति वोटों के चलते सफलता मिली।
कुंदरकी और कटेहरी में BJP की ऐतिहासिक जीत
कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने 1.44 लाख वोटों से जीत हासिल की। इस सीट पर सपा की जमानत जब्त हो गई, और भाजपा की यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि कुंदरकी में 60% मुस्लिम वोटर्स हैं। यह सीट पिछले 31 सालों से सपा का गढ़ रही थी, लेकिन अब भाजपा ने यहां जीत दर्ज की है। कटेहरी सीट पर भी भाजपा की 33 साल बाद विजय हुई। भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने सपा की शोभावती वर्मा को 34,000 वोटों से हराया। धर्मराज निषाद को कुल 1,04,091 वोट मिले, जबकि शोभावती वर्मा को 69,577 वोट मिले। भाजपा की यह जीत दर्शाती है कि यहां भी पार्टी की पकड़ मजबूत हो रही है।
करहल में सपा की मुश्किलें
सपा के गढ़ मानी जाने वाली करहल सीट पर तेज प्रताप यादव ने महज 14,725 वोटों से जीत हासिल की। 2022 विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने यहां 67,504 वोटों से जीत हासिल की थी। इस बार हालांकि भाजपा के अनुजेश प्रताप ने कड़ी टक्कर दी और 89,579 वोट प्राप्त किए। भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वे 2027 में करहल में भी कमल खिलाएंगे।
सीसामऊ में सपा को सहानुभूति वोट मिले
कानपुर की सीसामऊ सीट पर भाजपा ने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन सपा की नसीम सोलंकी को सहानुभूति वोटों के कारण जीत मिली। नसीम ने भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को हराया। चुनाव जीतने के बाद नसीम ने कहा कि वह सबसे पहले अपने पति से मिलने जेल जाएंगी। साथ ही उन्होंने मंदिर विवाद पर भी चुप्पी तोड़ी और कहा कि वह फिर से मंदिर जाएंगी।
BJP का वोट प्रतिशत बढ़ा
इन उपचुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत 2022 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 9 में से 5 सीटों पर बढ़ा। खासतौर पर कुंदरकी में भाजपा का वोट प्रतिशत 46.11% बढ़ा। हालांकि, चार सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत गिरा भी, लेकिन इनमें से तीन सीटें भाजपा ने जीत लीं। वहीं, सपा का वोट प्रतिशत भी कई सीटों पर कम हुआ है, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी की स्थिति कमजोर हो रही है।
बसपा की स्थिति
उत्तर प्रदेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी बसपा इस उपचुनाव में पूरी तरह से विफल रही। पार्टी केवल दो सीटों-कटेहरी और मझवां पर अपनी जमानत बचा सकी। इसके अलावा, बसपा के उम्मीदवार चंद्रशेखर और ओवैसी की पार्टी से भी पीछे रहे, जो पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था।
सपा सांसद का आरोप: प्रशासन ने लड़ा चुनाव
सपा के संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने उपचुनाव के नतीजों पर सवाल उठाया और कहा कि कुंदरकी सीट पर यह उपचुनाव भाजपा ने नहीं, बल्कि प्रशासन ने लड़ा। उनका कहना था कि जब सरकार को इस तरह चुनाव कराना था तो जनता का समय और पैसा क्यों बर्बाद किया गया।
गाजियाबाद में BJP की लगातार जीत
गाजियाबाद में भाजपा ने तीसरी बार जीत हासिल की। भाजपा के संजीव शर्मा ने सपा के प्रत्याशी सिंह राज जाटव को हराया। संजीव शर्मा को 96,850 वोट मिले, जबकि सपा को महज 27,174 वोट मिले। सपा का स्थानीय उम्मीदवार जाटव कार्ड भी पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के इन उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा, जबकि सपा और बसपा दोनों ही कमजोर साबित हुए। भाजपा ने जहां ऐतिहासिक जीत दर्ज की, वहीं सपा को यह उपचुनाव भविष्य के लिए चिंता का विषय बना सकता है।