चंडीगढ़ः यौन शोषण के आरोपों से घिरे आईपीएस अफसर आज महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया के समक्ष पेश हुए। इस दौरान आईपीएस अफसर ने खुद के निर्दोष होने की बात कही। आईपीएस अफसर ने कहा कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। वहीं इस मामले की जांच कर रही फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए महिला आयोग की चेयरपर्सन से बातचीत की। महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि शुरुआती जांच में आईपीएस अफसर के खिलाफ सबूत मिले है।
रेनू भाटिया ने कहा कि मामले की जांच प्रभावित न हो इसलिए हमने सीएम व डीजीपी को पत्र लिखकर आरोपों से घिरे आईपीएस अफसर को छुट्टी पर भेजने या फिर हेडक्वार्टर ट्रांसफर करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 7 नवंबर को 5 महिला पुलिस कर्मियों से भी बातचीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि एसपी कहना है कि एक यूट्यूबर पर शक है। उसे पुलिस को पकड़ने के लिए कहा जाएगा, क्योंकि वह लापता है। मेल आईडी से डेढ़ मिनट के अंदर 2 लेटर आए थे। एक लेटर में कहा गया कि हम आने को तैयार हैं। दूसरे लेटर में कहा गया है कि एसपी ने माफी मांगी है। लेटर अपलोड करने के बाद मेल आईडी बंद हो गई। हम मेल आईडी की साइबर टीम से जांच करवा रहे हैं।
आईपीएस अफसर पर लगे यौन शोषण आरोपों की जांच कर रही फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी ने कहा कि अभी तक 19 पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। अभी शिकायत की बात सामने नहीं आई है। आस्था मोदी का कहना है कि षड्यंत्र है या नहीं, इसे लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच अभी चल रही है। वहीं, आरोपों पर आईपीएस अधिकारी का कहना है कि चिट्ठी में जिसके नाम हैं, वह सभी कह रहे हैं कि यह हमारी ओर से नहीं लिखा गया है। इसके लिए मैंने फिर भी जांच करने की अपील की है। जो महिला पुलिसकर्मी एसीआर खराब होने का जिक्र कर रही हैं, वह खुद इस चिट्ठी को लेकर मना कर रही हैं। लेटर के वेरीफाई नहीं होने तक कुछ नहीं कहा जा सकता।