सुप्रीम कोर्ट में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है। मेरे डॉक्टर ने मुझे सुबह सैर पर निकलने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए घर के अंदर रहना ही बेहतर है।
हवा की दिशा बदलने से बृहस्पतिवार को राजधानी के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में कमी आई और एक्यूआई 306 दर्ज किया गया। बुधवार की तुलना में 58 अंकों की गिरावट के बावजूद एनसीआर में दिल्ली हवा सबसे खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को एक्यूआई खराब श्रेणी में रह सकता है। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते उन्होंने सुबह टहलना बंद कर दिया है।
राजधानी में रोहिणी, द्वारका, मुंडका व बवाना में एक्यूआई 400 के पार रहा, जो गंभीर श्रेणी है। आनंद विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, विवेक विहार सहित 25 इलाकों में हवा बेहद खराब व डीटीयू, नरेला में हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए घर में ही रहने की सलाह…
सुप्रीम कोर्ट में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है। मेरे डॉक्टर ने मुझे सुबह सैर पर निकलने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए घर के अंदर रहना ही बेहतर है। उन्होंने कहा, बृहस्पतिवार से मैंने सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है।
बस मार्शल बहाल, करेंगे प्रदूषण की रोकथाम
नौकरी बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे बर्खास्त बस मार्शल बहाल कर दिए गए हैं। चार माह तक वे वायु प्रदूषण की रोकथाम में मदद करेंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है। साथ ही, कहा कि मुख्यमंत्री नियमों के तहत इनकी भर्ती के लिए उचित कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना वादा पूरा किया है। चार महीने में मार्शलों को स्थायी कर दिया जाएगा। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष एलजी ने एक नवंबर से चार माह के लिए प्रदूषण की रोकथाम में मार्शलों की नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सरकार से उनकी स्थायी नियुक्ति के लिए योजना बनाने को कहा। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि सरकार के दबाव में मार्शलों को फिर नियुक्त करना पड़ा है। केंद्र ने माना, दिल्ली सरकार मार्शलों को वेतन दे सकती है।