राजस्थान के धौलपुर में बिते रविवार को बोथपुरा गांववासियों की चार बालिकाएं पार्वती नदी में स्नान करने के दौरान डूब गईं। गहरे पानी में जाने से पहले उन्होंने जान बचाने की भरपूर कोशिश की और मदद के लिए पुकारा, लेकिन घाट पर मौजूद लोग उनकी आवाज़ नहीं सुन पाए। चारों लड़कियां देखते ही देखते पानी में बह गईं।
घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के लोग स्तब्ध हैं और हर आंख नम है। एसडीआरएफ टीम ने लगातार खोजबीन की, और दूसरे दिन, सोमवार को चारों बालिकाओं के शव बरामद कर लिए गए। स्थानीय पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया है।
बोथपुरा गांव की चार लड़कियां, अंजली (19), तनु (15), मोहिनी (18) और प्रिया (16), रविवार को ऋषि पंचमी के अवसर पर गांव की अन्य महिलाओं के साथ पार्वती नदी में स्नान करने गई थीं। नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने के कारण लड़कियों को गहराई का अंदाजा नहीं हुआ, और वे पानी में समा गईं। डूबते समय उन्होंने बचाव के लिए जोर से पुकारा, लेकिन घाट पर मौजूद लोग उनकी आवाज़ नहीं सुन सके।
गांव में शोक का माहौल
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग तुरंत नदी की ओर दौड़े और लड़कियों की तलाश शुरू की। एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया, लेकिन रविवार रात तक कोई सफलता नहीं मिली। सोमवार सुबह खोजबीन फिर से शुरू हुई और अंततः चारों लड़कियों के शव बरामद हुए। अंजली और तनु सगी बहनें थीं, और सभी लड़कियां पढ़ाई में होनहार थीं।
पढ़ाई में होनहार बालिकाएं
गांववालों ने बताया कि चारों लड़कियां पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं। तनु, 9वीं कक्षा में पढ़ती थी, जबकि उसकी बड़ी बहन अंजली ने हाल ही में 12वीं कक्षा पास की थी। मोहिनी भी 12वीं की छात्रा थी, और प्रिया 10वीं में पढ़ रही थी। इस घटना से गांव में मातम पसरा हुआ है।
केंद्रीय मंत्री की संवेदना
घटना पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “चार बच्चियों के डूबने का समाचार ह्रदय विदारक है। मैं परिजनों के लिए संयम और सामर्थ्य की प्रार्थना करता हूं।”
18 दिन पहले की सेल्फी
संयोग की बात है कि 18 दिन पहले चारों बालिकाओं ने पार्वती नदी के किनारे एक साथ सेल्फी ली थी। उन्हें यह नहीं पता था कि जिस स्थान पर वे खुशियों के पल बिता रही थीं, वहीं उनकी जिंदगी का इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।