उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में चिकित्सकों पर हमला करने और नर्सिंग स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में 56 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कल-पुर्जों की दुकान चलाने वाला इसरार (56) बुधवार रात अपनी पत्नी को उपचार के लिए अस्पताल ले गया था, जहां उसने चिकित्सकों के साथ कथित तौर पर मारपीट की।
आरोपी के चिकित्सकों को धमकाने और उनसे दुर्व्यवहार करते समय अस्पताल के कर्मचारियों ने घटना को अपने मोबाइल फोन में ‘रिकॉर्ड’ कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी को बृहस्पतिवार सुबह गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में उसे थाने से जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद इसरार ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने कहा कि वह इस बात से नाराज था कि चिकित्सकों ने कोलकाता में चिकित्सक से दुष्कर्म-हत्या के मामले में जारी हड़ताल के कारण उसकी पत्नी की जांच करने से इनकार कर दिया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी के अनुसार, ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने आरोपी की पत्नी को उसकी स्वास्थ्य संबंधित शिकायत के आधार पर दवा दी थी, लेकिन उसके पति ने दवा लेने से इनकार कर दिया और इसके बजाय अपने तरीके से इलाज बताने लगा। अस्पताल के जूनियर रेजीडेंट डॉ. रजनीश ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया कि जब अस्पताल के कर्मचारियों ने उस व्यक्ति की बातों को नजरअंदाज किया तो वह हिंसक हो गया और चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार करने लगा। चिकित्सक ने कहा, ‘‘हमने उसे शांत कराने की कोशिश की लेकिन उसने हमारे साथ गाली-गलौज शुरू कर दी और हममें से कुछ के साथ मारपीट की। उसने हमारे नर्सिंग स्टाफ के साथ भी दुर्व्यवहार किया।”
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपी अस्पताल परिसर में चिल्लाया, अन्य मरीजों के इलाज में बाधा डाली और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। उसने चिकित्सकों के ड्यूटी रूम में जबरदस्ती घुसकर अन्य लोगों को चिकित्सकों की पिटाई करने के लिए उकसाया। प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने ड्यूटी रूम में चिकित्सकों पर हमला किया और कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना का जिक्र करते हुए पूछा कि दिल्ली में चिकित्सकों को इसकी चिंता क्यों है।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) जॉय तिर्की ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 221 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 221 (1) स्वेच्छा से लोक सेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना और 132 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग करना) के तहत न्यू उस्मान पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच की जा रही है।