राजस्थान में अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने 2022 में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सामने विवादास्पद नारे लगाने के आरोपी सभी छह लोगों को मंगलवार को बरी कर दिया। सरकारी वकील गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि अदालत ने खादिम (सेवक) गौहर चिश्ती, ताजिम सिद्दीकी, फारूक जमाली, नासिर, रियाज हसन और मोईन को आज बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि विस्तृत आदेश के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि अदालत ने किस आधार पर उन्हें बरी किया है।
फारूकी ने कहा कि सभी आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है तथा आदेश की समीक्षा के बाद फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। इस मामले की सुनवाई अजमेर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-क्रमांक 4 की अदालत में की जा रही थी। अभियोजन के अनुसार, दरगाह के एक खादिम (सेवक) गौहर चिश्ती ने अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर 17 जून 2022 को एक रैली से पहले भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ पुलिस की मौजूदगी में भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कथित तौर पर विवादास्पद नारे लगाये थे। इसके वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।