सोनीपत: एमएसपी गारंटी कानून व अन्य मांगों को लेकर किसान लगातार सरकार के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। पंजाब की सीमाओं पर अभी भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। अब एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर 8 जुलाई को बीजेपी के लोकसभा सांसदो को छोड़कर सभी सांसदो को एक ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं, ताकि विपक्ष उनके मुद्दों को लेकर संसद में एक निजी बिल लेकर आए। जिससे किसानों की मांगे पूरी हो सकें। किसान संगठनों की इस रणनीति का खुलासा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की।
किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं और किसान अब भी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। सोनीपत में गुरुवार को किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने आपने किसान साथियों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं को भी चेता दिया कि किसान सरकार से सवाल तो पूछ रहे हैं, लेकिन उसके साथ-साथ वो विपक्ष से भी जानना चाहते हैं कि विपक्ष उनका कितना साथ देगा। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि 8 जुलाई को किसानों के एमएसपी गारंटी कानून के साथ साथ कई मांगों पर विपक्ष संसद में एक निजी बिल लेकर आए। ताकि किसानों की मांग पूरी की जाए, अगर विपक्ष ऐसा नहीं करेगा तो उसे भी हमारे विरोध का सामना करना पड़ेगा और उनसे भी सवाल पूछे जाएंगे।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने हरियाणा में बीजेपी सरकार के आगामी विधानसभा चुनावों में बहिष्कार के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि हमने इस लोकसभा चुनावों में भी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से बीजेपी का विरोध किया है। हमारी मांगों को लेकर सरकार ने इसका कोई समाधान नहीं निकाला तो विधानसभा चुनावों में विरोध दस गुना बढ़ जाएगा। अब तो विपक्ष हमारे मुद्दों को लेकर संसद में हमारी आवाज उठाने लग गया है, जोकि सुखद खबर है। जो सरकार हम किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी मानती थी वो अब हमें किसान मानने लगी है। सभी पार्टियां अब किसानों के वोट बैंक मानने पर मजबूर भी हुई हैं।