दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और असम में कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्यों सरकारों को फटकारते हुए कोरोना से निपटने के लिए उठाए कदमों को स्टेटस बताने को कहा। साथ ही केन्द्र सरकार से किस तरह की मदद चाहते हैं यह भी बताएं। खंडपीठ कोरोना के संकट और शवों के दुरुपयोग मामले पर सुनवाई कर रही है।
पिछले कुछ सप्ताह से दिल्ली में कोरोना से हालात बदतर होती चली जा रही है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा, ‘पिछले दो हफ्तों में स्थिति बदतर हो गई है। हमारा सवाल है कि मौजूदा स्थिति क्या है और आप क्या कदम उठा रहे हैं?’
बेंच ने इस बात पर चिंता जाहिर कि नवंबर के महीने में दिल्ली, महाराष्ट्र, और गुजरात में कोविड-19 के मामलों में इजाफा आया है। ये सभी राज्य अपनी स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई में दाखिल करें।
गुजरात सरकार को फटकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा दिल्ली, महाराष्ट्र के बाद गुजरात में कोरोना से स्थिति ज्यादा खराब है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने शादियों के लिए छूट दे रखा है। सरकार की खिंचाई करते हुए जस्टिस एम आर शाह ने राज्य सरकार के वकील से पूछा,’यह सब क्या है। आपकी पालिसी क्या है? यह सब क्या हो रहा है?’
दिल्ली सरकार की तरफ से एडिशनल सालिस्टर जनरल संजय जैन सुप्रीम कोर्ट को बताया, ‘स्थिति अब तक ठीक है। 380 शव दाह केन्द्र हैं।’ सुप्रीम कोर्ट को असम की मौजूदा स्थिति भी अवगत करवाया गया। वहां की हालात में सुधार नहीं हो रहा है वहां की स्थिति चिंताजनक है। पूरे मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।