दिल्ली में मंगलवार तक भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच नगर निकायों ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं जिसके तहत कर्मचारियों और उपकरणों की तैनाती बढ़ाने समेत क्षेत्रीय इकाइयों को सतर्क रखने के कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में मानसून आगमन के पहले दिन शुक्रवार की सुबह 228.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 1936 के बाद जून माह में अब तक की सर्वाधिक वर्षा है। बारिश से शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया और कई लोगों की जान चली गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली में ‘ओरेंज अलर्ट’ जारी करते हुए 2 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के एक अधिकारी ने कहा कि नगर निकाय ने जलभराव की शिकायतों से निपटने के लिए कर्मचारियों की तैनाती बढ़ा दी है और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से लुटियंस दिल्ली के अंतर्गत आने वाले इलाकों में निगरानी कर रहा है। कई सांसदों के बंगलों में शुक्रवार को पानी घुसने के साथ लुटियंस दिल्ली के इलाके में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने गोल्फ लिंक्स और भारती नगर में चार अतिरिक्त पंप तैनात किए हैं, जहां शुक्रवार को अत्यधिक जलभराव हुआ था। उन्होंने कहा, “तीन ‘सुपर सक्शन’ मशीन से युक्त वाहन संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त करते रहेंगे। हमने अतिरिक्त कर्मचारियों को भी तैनात किया है और सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।” उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “प्रत्येक संवेदनशील क्षेत्र को एक अधीक्षण अभियंता के अधीन रखा गया है, एनडीएमसी केंद्रीय कमान और नियंत्रण कक्ष सीसीटीवी कैमरों के जरिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी करेंगे।”
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका केंद्रीय नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम कर रहा है और दावा किया कि नालों से गाद निकालने का काम पूरा हो चुका है। जोनल नियंत्रण कक्षों के माध्यम से मिल रही जलभराव की सूचनाओं पर विभिन्न मशीने तैनात की गई है।