राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-यूजी (नीट-यूजी) के परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद ही राजस्थान के कोटा में 18 वर्षीय छात्रा ने एक इमारत की नौवीं मंजिल से कथित तौर पर कूदकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस घटना से एक दिन पहले ही राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने नीट-यूजी परिणाम की घोषणा की थी जिसमें बागीशा तिवारी नामक इस छात्रा ने 720 में से 320 अंक हासिल किये। पुलिस ने कहा कि यह इस साल कोटा में किसी कोचिंग विद्यार्थी द्वारा दसवीं संदिग्ध आत्महत्या है।
पुलिस के मुताबिक मध्य प्रदेश की रीवा की रहने वाली बागीशा नीट में अपने खराब प्रदर्शन के कारण कथित रूप से बहुत परेशान थी। वह तीन साल से नीट-यूजी की तैयारी कर रही थी। पुलिस ने बताया कि जवाहर नगर थाना क्षेत्र में बुधवार को उसने इमारत से कूदकर अपनी जान दे दी। जवाहर नगर थाने के सर्किल इंस्पेक्टर हरिनारायण शर्मा ने बताया कि बागीशा इसी इमारत की पांचवीं मंजिल पर अपनी मां और भाई के साथ रहती थी।
पुलिस के अनुसार उसका भाई 12वीं कक्षा में पढ़ता है और वह संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा है। शर्मा ने बताया कि बुधवार दोपहर अपने कोचिंग में क्लास करने के बाद बागीशा नौवीं मंजिल पर गयी और बालकोनी की खिड़की से नीचे कूद गयी। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने उसे ऐसा करते हुए देखा और उसे रोकने की कोशिश की भी लेकिन वह असफल रहा।
पुलिस ने बताया कि बागीशा को एक नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान घंटे भर में उसकी मौत हो गई। शर्मा ने बताया कि पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद बागीशा का शव उसके परिवार को सौंप दिया। सर्किल इंस्पेक्टर ने कहा कि लड़की द्वारा यह अतिवादी कदम उठाये जाने की सटीक वजह का अभी पता नहीं चल सका है लेकिन प्रारंभिक जांच के अनुसार वह नीट परिणाम से बहुत परेशान थी।
बागीशा के पिता विनोद तिवारी ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी से नीट अंक को लेकर परेशान नहीं होने को कहा था। उन्होंने बताया कि उन्होंने बागीशा से कहा कि वह निजी कॉलेज में चिकित्सा पाठ्यक्रम में उसका दाखिला करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी बहुत मेहनती एवं धार्मिक स्वभाव की थी। इस बीच कोटा (सिटी) की अधीक्षक अमृता धवन ने इस कथित आत्महत्या के सीसीटीवी फुटेज का प्रसारण करने को लेकर खबरिया चैनलों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की चेतावनी दी है।