केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में रेकैट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने अस्तपाल के दो डॉक्टरों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग मरीजों से इलाज के नाम पर रिश्वत वसूल रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करने वाले भी शामिल हैं। ये लोग पूरा रैकेट चलाकर अस्पताल आने वाले मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे।
एफआईआर के मुताबिक,सूत्रों ने बताया कि कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर्वतगौड़ा और इसी विभाग के डॉक्टर अजय राज खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहे हैं। ये लोग आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों से वसूली कर रहे थे।
नागपाल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल अस्पतालों में उपकरणों की आपूर्ति करते हैं। इसी महीने 2 मई को पर्वतगौड़ा ने नागपाल से उपकरणों की सप्लाई के बदले रिश्वत मांगी। नरेश नागपाल ने मांगी गई रिश्वत का पिछले महीने का बकाया चुकाने के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि रिश्वत 7 मई को आरएमएल अस्पताल पहुंचा दी जाएगी
इससे पहले 26 मार्च को पर्वतगौड़ा ने अबरार अहमद से रिश्वत की मांग की थी। ये रिश्वत अबरार द्वारा सप्लाई किए गए उपकरणों को प्रमोट करने के लिए मांगी गई। अबरार ने पर्वतगौड़ा द्वारा बताए गए अकाउंट में अपने एक्सिस बैंक के खाते से 1 लाख 95 हजार रुपये भेजे। करीब एक महीने बाद फिर गौड़ा ने अबरार से संपर्क किया और जल्द से जल्द बची रकम देने के लिए कहा।
ये रिश्वत की डिमांग उन्होंने उस वक्त की थी जब वो यूरोप के लिए रवाना होने वाले थे। इस पर अबरार ने गौड़ा से कहा कि वो जल्द ही रकम पहुंचा देगा। इसके बाद 22 अप्रैल को पर्वतगौड़ा ने आकर्षण गुलाटी से कॉन्टेक्ट किया। उससे भी रिश्वत मांगी। इस पर आकर्षण ने कहा कि वो अभी बाहर है। 24 अप्रैल तक कंपनी की कर्मचारी मोनिका सिन्हा के हाथ पैसे भेज देगा। इसी दिन गौड़ा ने मोनिका से संपर्क किया। जिसने कैश के साथ ही 36 हजार रुपये यूपीआई के जरिए दिए