यूपी के मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल के बयान के बाद सियासत गरमा गई है। दरअसल, अरुण गोविल ने भी अब संविधान में बदलाव करने की बात की है। उन्होंने कहा, “संविधान जब हमारे देश का बना था उसमें धीरे-धीरे परिस्थितियों के हिसाब से बदलाव हुए हैं। बदलाव करना प्रगति की निशानी होती है, उसमें कोई खराब बात नहीं है। तब परिस्थितियां कुछ और थीं, आज की परिस्थितियां कुछ और हैं। संविधान किसी एक व्यक्ति की मर्जी से नहीं बदलता है, सर्वसम्मति होती है तो बदलता है, अगर ऐसा कुछ होगा तो किया जाएगा।” उनके इस बयान के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ”जो लोग संविधान में प्रगतिशील संशोधन करने और मूलभूत बदलाव करने के बीच का अंतर नहीं समझते उन्हें टिकट देकर भाजपा ने भारी भूल की है, लेकिन फिर भी इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता ने हर भाजपा प्रत्याशी को हराने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है।”
पोस्ट में अखिलेश ने आगे कहा, ”भाजपा संविधान को पलटकर गरीबों, वंचितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के हक़-अधिकार व आरक्षण मारकर और पूंजीपतियों के हक़ में नीति-योजना बनाकर, सारा फायदा-मुनाफा अपने खेमे के कुछ गिने-चुने खरबपतियों को दे देना चाहती है। जो चुनावी-चंदे के नाम पर अपने बेशुमार फायदे का हिस्सा भाजपाइयों को दे देते हैं। सही मायनों में ये जनता से वसूली का तरीक़ा है क्योंकि कोई भी पूंजीपति अपनी जेब से नहीं देता है, वो तो जनता से ही वसूलकर भाजपाइयों के दल और उनका व्यक्तिगत ख़ज़ाना भरता है। इसलिए अपने वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और देश की जनता, इस बार बहकावे में नहीं आने वाली और भाजपा को हराकर और हटाकर ही दम लेगी। भाजपा हराओ, संविधान बचाओ!”