उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक बदायूं लोकसभा सीट है। ये सीट समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट मानी जाती है। क्योंकि साल 1998 के बाद से लगातार ये सीट सपा के पास ही रही। लहर कोई रही हो लेकिन यहां से सपा का ही सांसद रहा। हालांकि पिछले चुनाव में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य से सपा के धर्मेंद्र यादव हार गए थे। इससे पहले 2009 व 2014 में धर्मेंद्र यादव का ही इस सीट पर कब्जा था। अगर बात करें इस सीट के इतिहास की तो आजादी के बाद साल 1952 और 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। लेकिन अगले दो चुनाव साल 1962 और 1967 में भारतीय जनसंघ ने इस सीट पर कब्जा किय।
हालांकि साल 1971 में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की। लेकिन फिर साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी ने यहां चुनाव जीता, साल 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर फिर वापसी की। साल 1989 के चुनाव में जनता दल के शरद यादव ने इस सीट को कांग्रेस छीन लिया था। साल 1991 की राम लहर के आम चुनाव में बीजेपी के चिन्मयानंद ने जीत दर्ज की, लेकिन साल 1996 के अगले ही चुनाव में समाजवादी पार्टी के सलीम इकबाल शेरवानी ने इस सीट जीत लिया। उसके बाद से ये सीट सपा का अभेद्य किला बन गई। सलीम इकबाल शेरवानी यहां से लगातार 4 बार सांसद रहे। साल 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में सलीम शेरवानी यहां से सांसद चुने गए। साल 2009 में सैफई परिवार के धर्मेंद्र यादव की एंट्री इस सीट पर हुई और वो लगातार दो बार समाजवादी पार्टी के सांसद रहे।
विधानसभा की कुल पांच सीटें आती हैं
आपको बता दें कि इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें आती हैं। जिनमें 4 सीटें बदायूं जिले की हैं। जबकि एक सीट संभल जिले की गुन्नौर आती है।बदायूं जिले की बिसौली सुरक्षित, सहसवान, बिल्सी और बदायूं शामिल है।
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से तीन समाजवादी पार्टी ने जीती हैं जबकि दो सीट बीजेपी के खाते में गई। संभल की गुन्नौर और बदायूं की बिसौली सुरक्षित और सहसवान को सपा ने जीता है। जबकि बिल्सी और बदायूं पर बीजेपी का कब्जा है।
अगर बात मतदाताओं की करें, तो बदायूं सीट पर कुल वोटर 18 लाख 81 हजार 754 हैं। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 22 हजार 99 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 59 हजार 552 है। वहीं ट्रांसजेंडर वोटर 103 हैं।
एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
दायूं सीट पर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को 18 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। संघमित्रा मौर्य को कुल 5 लाख 11 हजार 352 वोट मिले। जबकि धर्मेंद्र यादव को 4 लाख 92 हजार 898 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी थे,शेरवानी को कुल 51 हजार 947 वोट मिले।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
बदायूं लोकसभा सीट पर साल 2014 में हुए चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर धर्मेंद्र यादव ने मोदी लहर में भी जीत दर्ज की थी। धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वगीश पाठक को करीब एक लाख 66 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। धर्मेंद्र यादव को कुल 4 लाख 98 हजार 378 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के वगीश पाठक को 3 लाख 32 हजार 31 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के अकमल खान थे। अकमल को कुल एक लाख 56 हजार 973 वोट मिले थे।
एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर