मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 16 साल की पोती ने अपने दादा की बेरहमी से हत्या कर दी। दादा के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से रोक टोक को लेकर विवाद हुआ और उसके बाद गुस्से में पोती ने दादा की जान ले ली। पोती ने पहले दादा को हलवे में नींद की गोलियां मिलाकर खिलाई और फिर गला घोंटकर उसकी जान ले ली। फिर दादा की लाश को बक्से में बंद कर दिया और भाग खड़ी हुई। पुलिस ने पोती को अभिरक्षा में लेकर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है।
पूरा मामला ग्वालियर के माधवगंज थाना क्षेत्र का के गुढ़ा-गुढ़ी का नाका स्थित कृष्णा कालोनी है। जहां 29 मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि कृष्णा कॉलोनी निवासी 64 साल के रिटायर्ड होमगार्ड सैनिक रामस्वरूप राठौर का शव उनके घर में एक बक्से में मिला है। घटना की जानकारी मृतक रामस्वरूप राठौर के बेटे महेश राठौर ने पुलिस को दी थी। सूचना मिलने पर जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो पता चला कि मृतक की पोती पड़ोसी की छत पर छिपी हुई मिली। पुलिस के शक की सूई पोती पर रुक गई। पुलिस ने पोती को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी।
पुलिस को किया गुमराह
पुलिस ने पोती से पूछताछ की तो उसने पुलिस को गुमराह किया। वह दादा की हत्या के लिए कभी अपने प्रेमी का नाम लेती, तो कभी एक टैक्सी ड्राइवर का नाम लेती। पोती बार-बार अपने बयान बदलती रही और इस वजह से पुलिस भी परेशान हो गई। पोती ने पुलिस को यहां यहां बताया पुलिस उस उस जगह जाकर जांच पड़ताल करती। पुलिस को समझते देर न लगी कि किशोरी उनको गुमराह कर रही है। अंत में पुलिस ने नाबालिग के मोबाइल की जांच करवाई। जब मोबाइल कॉल डिटेल के आधार और अन्य तथ्यों के आधार पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गई और दादा की हत्या की सच्चाई बता दी। उसने पुलिस को बताया कि उसी ने दादा की हत्या कर दी
हलवे में नींद की 15 गोलियां मिलाकर खिलाईं
एडिशनल एसपी ने बताया कि नाबालिग ने कबूल किया कि वह अपने प्रेमी चंद्रभान से वह बात करती थी, लेकिन दादा इसमें रोड़ा थे। इसलिए उन्हें मार डाला। वह मेडिकल स्टोर से नींद की 15 गोलियां खरीदकर लाई। यह सारी गोलियां उसने सूजी के हलवे में मिला दी। यह हलवा खाने के बाद दादा रामस्वरूप की आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा। वह लड़खड़ाने लगे। तभी उसने दादा को पकड़ा और उनका हाथ कंधे पर रखवाया। उन्हें सहारा देकर बक्से तक ले गई। पहले से ही खुले रखे बक्शे में दादा को धक्का देकर गिरा दिया। वे बेहोश हो गए। फिर गला घोंटकर मार डाला। रजाई ओढ़ा दी और बक्सा बंद कर दिया।
दादा की हत्या के बाद बक्से को ताला लगा दिया और खाना खाकर सो गई। तीन दिन तक नाबालिग इस घर में मौजूद रही। वह हर रोज बाहर घूमने भी जाती रही और इस दौरान उसने अपने प्रेमी को भी घर में मिलने बुलाया था, लेकिन प्रेमी को उसने अपने दादा की हत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उसने अपने प्रेमी के साथ घर से भागने का प्लान भी बनाया था और इसके लिए उसने उसने एक टैक्सी ड्राइवर से भी संपर्क किया था। लेकिन उससे पहले ही उसके पिता महेश राठौर घर आ गए और दादा की हत्या का खुलासा हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी नींद की गोली खिलाकर गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है इसके आधार पर पुलिस ने उसकी पोती को अभीरक्षा में लेते हुए विदिशा बाल सुधार गृह भेज दिया है।
मृतक रामस्वरूप राठौर रिटायर होमगार्ड थे और उनका गांव दतिया जिले में है। 8 दिन पहले ही उनकी पोती अपने दादा से मिलने ग्वालियर आई थी। मृतक के पुत्र महेश राठौर ने बताया कि 25 तारीख को आखिरी बार उनकी अपने पिता से बात हुई थी। इसके बाद उन्होंने कई बार उन्हें फोन किया पर उनसे बात नहीं हो गई। जिससे वह परेशान हो गए और शुक्रवार को ग्वालियर आए तो उन्होंने बक्से में बंद पिता की देखी। फिर तुरंत ही उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। बेटी को तलाशा तो वह पड़ोसी की छत पर छिपी मिली।