लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि अराजकता के रास्ते पर चल पड़ी सरकार को न्यायपालिका में यकीन नहीं है। इसलिए जो न्यायपालिका को करना चाहिए, वह भी सरकार ही कर रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सजायाफ्ता रहे पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मृत्यु के बाद रविवार को गाजीपुर में उसके परिजन से मुलाकात की। मौर्य ने कहा, ”मुख्तार अंसारी के साथ जो घटना घटित हुई है, वह वाकई में अत्यंत दर्दनाक और अमानवीय है। जैसा कि वहां जाने पर परिवारजनों के माध्यम से पता लगा कि जेल में साजिश के तहत उनको खाने के साथ जहर दिया जा रहा था। इस तरीके से कुल मिलाकर आज उत्तर प्रदेश की सरकार अराजकता के रास्ते पर चल रही है। सरकार को खुद न्यायपालिका में यकीन नहीं है।”
उन्होंने कहा, ”अगर यह मान भी लिया जाए कि कोई अपराधी है तो अपराध और अपराधी का निर्णय न्यायपालिका करती है कि अपराध में किसको कौन सा दंड देना है। यह मैं मानता हूं कि वह अपराधी हो सकते हैं लेकिन सरकार को किसी को मारने का अधिकार नहीं है। सरकार ने यहां पर न्यायपालिका की भी अवहेलना की है, न्यायपालिका को निष्प्रभावी करने की कोशिश की है और अराजकता की बिना पर उन्हें जहर देकर मारने का अपराध भी किया है जैसा कि परिवारजनों ने आरोप लगाया है, इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश की देखरेख में ही होनी चाहिए, जिससे सही मायने में सच क्या है, इसका खुलासा हो सके।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, ”पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। कानून व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ चुका है। सरकार से न्याय की उम्मीदें खत्म हो चुकी है और यही कारण है कि मुख्तार अंसारी के मामले में लोगों में जो आक्रोश है वह उनके जनाजे के वक्त दिखाई पड़ा। लाखों का हुजूम जिस तरह उमड़ पड़ा, वह बुलाई हुई भीड़ नहीं थी। वह संवेदनाओं से भरी भीड़ थी।” मऊ से पांच बार विधायक रहे बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अंसारी के शव को शनिवार को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मुख्तार के परिवार ने उसे जेल में जहर दिये जाने का आरोप लगाया है।