बच्चों के यौन शोषण और फोटो-वीडियो के ऑनलाइन व्यापार मामले में गिरफ्तार जेई रामभवन की रिमांड पर सुनवाई टल गई। अब 24 नवंबर को सुनवाई होगी। जेई की करतूतें बरसों छिपी रहीं लेकिन एक झगड़े ने उसका सारा रैकेट तहस-नहस कर डाला। सूत्रों के मुताबिक हाल तक जेई का करीबी रहा एक शख्स जब दुश्मनी पर उतरा तो उसने सारे भेद खोल दिए। दिल्ली के एक मामले में जांच करती हुई सीबीआई को जब जेई के बारे में कुछ सुराग मिला तो इसी करीबी ने तमाम साक्ष्य दे दिए। इनमें गुनाहों भरी वह पेन ड्राइव भी थी, जिसमें सीबीआई को 34 पोर्न वीडियो और 679 फोटो मिले।
जेई रामभवन के इसी ‘दुश्मन’ ने उसके तीन मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी भी दी, जिनके जरिए डार्क वेब पर ऑनलाइन पोर्न व्यापार किया गया। इन साक्ष्यों का अध्ययन करने और सारे तार जोड़ने में सीबीआई को करीब दो महीने का वक्त लगा। सूत्रों के मुताबिक, कुछ माह पहले जेई और उसके इस भरोसेमंद में विवाद हुआ था। यह झगड़ा विभागीय अधिकारियों से लेकर बाहर के करीबियों तक पहुंचा, पर सभी ने इसे जेई का निजी मामला कह कर चुप्पी साध ली। यह झगड़ा पैसे के बंटवारे को लेकर हुआ या अन्य किसी वजह से, इसका पता अब तक नहीं चला है। इसी बीच सीबीआई ने रामभवन के बारे में पड़ताल शुरू कर दी। किसी तरह इसकी भनक इस करीबी दुश्मन को लग गई। उसने सीबीआई की विशेष इकाई ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लायटेंशन प्रिवेंशन-इंवेस्टिगेशन सेल से संपर्क कर लिया। सीबीआई को एक मुश्त जेई की काली कारतूतों के सबूत मिल गए। यह पेन ड्राइव तो थी ही, जेई के तीन फोन नंबर और तीन ई-मेल आईडी भी मिलीं। इनके सहारे अन्य साक्ष्य जुटाकर सीबीआई ने उसे दबोच लिया।
तीनों नंबर नरैनी के पते पर रजिस्टर्ड
जेई के भरोसेमंद से विभीषण बने शख्स ने जो तीन मोबाइल नंबर सीबीआई को दिए हैं, वे सभी बांदा के नरैनी स्थित उसके आवास के पते पर रजिस्टर्ड हैं। तकनीकी साक्ष्य पुख्ता होने पर सीबीआई ने गिरफ्तारी उसके इसी आवास से की।