शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में करीब दस दिन पहले कथित तौर पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में खुद को आग लगाने के बाद गंभीर रूप से झुलसे 45 वर्षीय व्यक्ति की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार ने शनिवार को बताया कि जिले के कांट कस्बे में रहने वाले तारिक अली ने पांच मार्च को कुछ लोगों के उकसाने पर पुलिस कार्यालय में घुसकर खुद को आग लगा ली थी। इसके बाद उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां से उसे लखनऊ के केजीएमसी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया, इलाज के दौरान शुक्रवार शाम तारिक की मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लखनऊ में ही मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। इस मामले में तारिक को उकसाने वाले सलमान, के. के. दीक्षित के अलावा योगेंद्र यादव को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। अन्य आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस के मुताबिक पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक व्यक्ति ने पांच मार्च को पैरों पर कोई तरल पदार्थ डालकर आग लगा ली थी, हालांकि पुलिस कर्मियों ने तत्काल कम्बल डालकर आग पर काबू पा लिया, जिसके बाद उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया था कि कांट कस्बे में तारिक (45) ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपने ऊपर कोई तरल पदार्थ डालकर आग लगा ली जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने आग को बुझाया, इस घटना में पीड़ित के पैर झुलस गए।
पुलिस के मुताबिक तारिक का जिले के सदर बाजार थाना क्षेत्र के नगरिया बहाव निवासी उमेश तिवारी से दो छोटी मालवाहक गाड़ियों की बिक्री के बाद लेनदेन का विवाद है। मीणा ने बताया था कि तारिक और उमेश एक दूसरे को जानते हैं और उनके कारोबारी संबंध हैं। तारिक का दो छोटी ‘लोडर’ गाड़ियों के स्वामित्व को लेकर उमेश तिवारी के साथ न्यायालय में विवाद है तथा दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया है, जिसके आधार पर जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक तारिक ने बताया था कि उसकी दो छोटी मालवाहक गाड़ियां उमेश तिवारी ने छीन ली हैं, और वह उसकी गाड़ियां वापस नहीं कर रहा है।