राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा से पांच महीने पहले लापता हुए एक कोचिंग छात्र को केरल राज्य से पुलिस ने बरामद कर शुक्रवार को उसके पिता को सौंप दिया। पुलिस अधीक्षक शहर डॉ.अमृता दुहन ने आज बताया कि गत नौ नवम्बर को बिहार के सुपौल जिले के राधोपुर निवासी एक व्यक्ति ने विज्ञान नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 17 वर्षीय पुत्र कोटा की इंदिरा कॉलोनी के एक हॉस्टल में रहकर आईआईटी प्रवेश की कोचिंग कर रहा था जो 5 अक्टूबर को बिना किसी को बताए अपने हॉस्टल से निकल गया और उसके बाद से लापता है।
पिता की इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने इस मामले में धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू की। डा. दुहन ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर कोचिंग छात्र को तलाश करने के अलावा उसके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला। यहां तक कि वह सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए जिन लोगों के संपर्क में था, उनसे भी बातचीत की, लेकिन उसने हॉस्टल से लापता होने के बाद किसी से भी संपर्क नहीं किया। यहां तक कि उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था।
हर स्तर पर मिली असफलता के बावजूद पुलिस ने हार नहीं मानी और कोचिंग छात्र की तलाश जारी रखा और अंतत: पुलिस कोचिंग छात्र से केरल राज्य के त्रिवेंद्रम जिले के वकर्ला शिवगिरी में होने की सूचना मिली, तब कोटा से एक पुलिस टीम वहां पहुंच गई और सूचनओं के आधार पर उस कोचिंग छात्र को बरामद कर लिया। प्रारंभिक बातचीत और काउंसिलिंग में यह बात सामने आई है कि कोचिंग छात्र ने कोटा से निकलने से पहले यह विचार किया था कि आईआईटी में प्रवेश के लिए कोचिंग करने के बाद अगर सफल भी रहा तो उसे इंजीनियरिंग करने में 5-6 साल लग जाएंगे, उसके बाद जॉब प्लेसमेंट हो पायेगा।