लखनऊ: फिरोजाबाद स्थित एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ा पर्दा उठाकर सच्चाई दिखाने वाली महिला SDM को अखिलेश यादव ने सलाह दिया है। उन्होंने कहा है कि साहसी महिला अधिकारी को संभलकर रहना होगा, नहीं तो इस डॉक्टर-दवाई के बिना चलने वाली उप्र की बीमारू चिकित्सा व्यवस्था के गोरखधंधे के खुलासे से शर्मसार हुई भाजपा सरकार कहीं ज्ञानवर्धन के बहाने उनको अध्ययन हेतु विदेश ही न भेज दें।
उन्होंने एक्स पर लिखा कि सुना है इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य मंत्री जी अस्वस्थ-अवस्था’ में हैं। अब Expiry Date की दवाई से रोगी को ठीक करने की जुमांटी (जुमला+गारंटी) देनेवाली भाजपा सरकार की भी Expiry Date निकट आ गई है।
जानिए क्या था पूरा मामला?
फिरोजाबाद स्थित एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जिले की महिला एसडीएम (IAS) औचक निरीक्षण करने पहुंच गईं। निरीक्षण के लिए एसडीएम घूंघट में मरीज बनकर पहुंची थीं। उन्होंने आम मरीजों की तरह लाइन में लगकर पर्चा बनवाया और डॉक्टर को दिखाने के लिए कतार में लग गईं। शुरू में उन्हें कोई पहचान नहीं पाया। लेकिन जब खुलासा हुआ कि घूंघट वाली महिला कोई और नहीं बल्कि एसडीएम हैं, तो वहां मौजूद कर्मचारियों के पसीने छूट गए। एसडीएम को स्वास्थ्य केंद्र में कई खामियां मिलीं।
आपको बता दें कि फिरोजाबाद के स्वास्थ्य महकमें में अनियमितता, भ्रष्टाचार और खराब व्यवहार की शिकायतें मिल रही थीं। जब एसडीएम सदर कृति राज के पास इसकी शिकायत आई तो उन्होंने फौरन मामले का संज्ञान लिया और औचक निरीक्षण पर निकल पड़ीं। उन्हें शिकायत मिली थी कि दीदमई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुत्ते के काटने के इंजेक्शन नहीं लगाये जा रहे हैं। इसकी जांच करने जब वह वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं तो उन्होंने गाड़ी से उतरते ही दुपट्टे से घूंघट किया और साधारण मरीज की तरह पर्चा बनवाया। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत भी की। जैसे ही वह अंदर दवाई चेक करने के लिए गईं तो उन्हें बहुत सारी दवाएं एक्सपायरी डेट की मिलीं। डॉक्टर और कर्मचारियों का मरीज के प्रति व्यवहार भी खराब मिला। एसडीएम को अस्पताल में काफी अव्यवस्थाएं मिलीं, जिसपर उन्होंने कहा कि वह इसको लेकर सख्त कार्रवाई करेंगी।