जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने उच्चतम न्यायालय में अपनी उन दो उपचारात्मक याचिकाओं पर जल्द सुनवाई का सोमवार को अनुरोध किया, जिनमें कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के न्यायालय के 2023 के फैसले को चुनौती दी गई है। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से कहा कि एक अधीनस्थ अदालत ने कहा है कि वह उपचारात्मक याचिकाओं पर फैसला होने तक जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं करेगी।
पीठ ने इसके जवाब में कहा, ‘‘ईमेल भेजिए, हम इस पर गौर करेंगे।” दिल्ली की एक अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टालते हुए कहा था कि इस मामले से संबंधित अर्जी उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। उच्चतम न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज करने संबंधी अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के अनुरोध वाली याचिका 14 दिसंबर, 2023 को खारिज कर दी थी। न्यायालय ने कहा था कि साक्ष्य जांच एजेंसी के इस आरोप का अस्थायी रूप से समर्थन करते हैं कि शराब के कुछ थोक वितरकों को 338 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया।
सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी, 2023 को ‘‘घोटाले” में उनकी कथित भूमिका के मामले में गिरफ्तार किया था। ED ने CBI की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन के मामले में तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद सिसोदिया को 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।