पटना: विदेश से जाली नोटों की तस्करी के एक मामले में बिहार में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पटना स्थित विशेष अदालत ने शनिवार को एक दोषी को नौ वर्षों के कारावास की सजा के साथ 30 हजार रुपये का जुर्माना भी किया।
एनआईए के विशेष न्यायाधीश अभिजीत सिन्हा ने मामले में सुनवाई के बाद पश्चिम बंगाल के मालदा जिला निवासी उमर फारूक उर्फ फिरोज को भारतीय दंड विधान और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की अलग अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।
क्या है मामला?
मामला वर्ष 2015 का है। घटना पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र की है। राजस्व आसूचना निदेशालय मुजफ्फरपुर शाखा के अधिकारियों ने एक व्यक्ति को पांच लाख 94 हजार रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। एनआईए ने इस मामले में आरसी 15/2015 के रूप में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले की जांच के दौरान दोषी की सहभागिता इस मामले में पाए जाने के बाद एनआईए ने आरोप पत्र दाखिल किया था।