नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर बढ़ी दरार के बीच नेपाल में चीनी राजदूत होउ यानकी ने मंगलवार को देर शाम प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की और लगभग दो घंटे तक बातचीत की। पीएम आवास और सचिवालय के अंदर के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।पीएम सचिवालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “चीनी राजदूत कल देर शाम यहां थे और प्रधानमंत्री ओली के साथ करीब दो घंटे तक चर्चा की।”
एक अन्य सूत्र ने बताया कि यान्की और ओली ने पार्टी के अंदर चल रहे मुद्दों को हल करने के बारे में चर्चा की। एक सूत्र ने एएनआई से मुलाकात के बारे में बताया, “उन्होंने पार्टी को बनाए रखने के लिए पार्टी के मामलों के बारे में चर्चा की। राजदूत यान्की ने विवादों को सुलझाने और आम सहमति तक पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने पर जोर दिया।”
सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर असंतोष की बात एकबार फिर सामने निकलकर आई है। बुधवार दोपहर होने वाली पार्टी की बैठक को लेकर एकमत नहीं दिख रहा है। ओली ने बैठक को स्थगित करने के लिए पुष्प कमल दहल को प्रस्ताव भेजा है, जबकि दहल दोपहर बाद बैठक करने का मन बना चुके हैं।
सत्तारूढ़ एनसीपी के नौ सदस्यीय सचिवालय में से पांच सदस्य अर्थात् दहल, माधव नेपाल, झाल नाथ खनाल, बमदेव गौतम, और नारायण काजी श्रेष्ठ बैठक के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस बीच, बिष्णु पोडेल, ईश्वर पोखरेल, और राम बहादुर थापा के साथ प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली बैठक को स्थगित करने के लिए तैयार हैं।
बैठक को टालने के लिए केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। ओली की अगुवाई वाली कैबिनेट के एक मंत्री ने कहा, “मुझे आज दोपहर 1 बजे से पहले कैबिनेट बैठक में शामिल होने के लिए सूचित किया गया है। कैबिनेट की बैठक में भाग लेने के लिए बैठक नहीं हो पाई।”
ओली ने बुधवार को सचिवालय की बैठक को रद्द करने का प्रयास किया था, जिसके लिए उसने बिष्णु पुडेल को दहल को समझाने और अपने राजनीतिक दस्तावेज को वापस लेने के लिए भेजा था। सचिवालय की पिछली बैठक में दहल ने एक दस्तावेज पेश किया था, जहां उन्होंने ओली की गतिविधियों को अक्षम्य करार दिया था और फिर से उन्हें पद के लिए अनुपयुक्त करार देते हुए दोनों पदों से उनके इस्तीफे की मांग की थी।