घर-घर से कूड़ा उठाने का कार्य करने वाली कंपनी इकोग्रीन के कर्मचारी एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी पांच महीने की सैलरी नहीं दी जाती तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि 5 महीने से वेतन न मिलने से वह परेशान हो रहे हैं। वहीं, मामले में जब इकोग्रीन के अधिकारियों ने अपना पक्ष नहीं दिया है।
इकोग्रीन कंपनी में काम करने वाले ड्राइवर नीतू वंशकर, नरेंद्र कुमार और रविंद्र सिंह सहित अन्य की मानें तो कंपनी ने उन्हें पांच महीने से सेलरी नहीं दी है। सेलरी के नाम पर उन्हें केवल तारीख दे दी जाती है। कंपनी के सुपरवाइजर की तरफ से भी उन्हें परेशान किया जा रहा है। सेलरी के साथ ही उनका अप्रैल महीने से वेतन भी नहीं दिया गया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक उनका पिछला हिसाब साफ नहीं कर दिया जाता तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे।
आपको बता दें कि नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन का टेंडर इकोग्रीन कंपनी को दिया गया है। कंपनी की तरफ से कर्मचारियों को सेलरी न दिए जाने के कारण वह हड़ताल पर चले गए और इकोग्रीन के शांति नगर स्थित कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों के धरने पर बैठने के कारण घरों से कूड़ा नहीं उठ पा रहा है।
अब कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि उन्हें जब तक वेतन नहीं मिल जाता तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे। वहीं, कूड़ा न उठने के कारण शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक बार फिर शहर में सड़क किनारे कूड़े के ढेर लगने की आशंका बनी हुई है। हैरत की बात यह है कि करीब एक महीने पहले जब मुख्यमंत्री गुड़गांव आए थे और शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया था तो उस वक्त सफाई कर्मचारी हड़ताल पर थे। जिनका समाधान होने के बाद से अब घर-घर से कूड़ा उठाने वाली नगर निगम की सहयोगी कंपनी इकोग्रीन के कर्मचारी सेलरी दिए जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि पहले की गई हड़ताल के बाद इकोग्रीन कंपनी के अधिकारियों ने एक सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन 10 दिन का समय बीतने के बाद भी जब कर्मचारियों को सेलरी नहीं मिली तो वह एक बार फिर हड़ताल पर बैठ गए हैं।