दरभंगा: बिहार में दरभंगा जिले की एक अदालत ने हत्या के मामले में दोषी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के बहेड़ी गांव निवासी मो. नाजिम की हत्या कर शव छुपाने के जुर्म में बहेड़ी गांव के ही संजीत दास उर्फ छोटू को सश्रम आजीवन कारावास और 60 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष का संचालन कर रहे अपर लोक अभियोजक रेणू झा ने बताया कि अदालत ने इस मामले की सूनवाई पुरी कर अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की धारा 302/149, (हत्या) और धारा 201/149 (शव छुपाना) में दोषी करार दिया। झा ने बताया कि कलवारा चौक पर परचून की दुकान चलाने वाला मो. नाजिम को गांव के ही लोगों ने दुकान हटाने की धमकी दी थी। आठ जून 2020 की रात में दुकानदार नाजिम की हत्या खंती और चाकू से प्रहार हत्या कर दी और कलवारा चौक से आगे अहेरी चौर शमशान के निकट तालाब में शव छुपा दिया। 09 जून की अहले सुबह नाजिम के परिजनों ने जब उसकी खोजबीन की तो तालाब से शव बरामद हुआ।
दो अभियुक्त अभी भी चल रहे फरार
मृतक के पिता मो. सैदर की सूचना पर सिंहवाड़ा थाना में नौ जून 2020 को 8 नामजद लोगों के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी संख्या. 95/20 दर्ज हुई। आरोपित तीन अभियुक्तों में से बैजू दास और गुरुदेव दास अभी भी फरार चल रहा है। झा ने कहा कि न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने अभियुक्त दास को हत्या कर शव छुपाने की जुर्म में सोमवार को भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए अर्थदंड, 120 बी में सश्रम आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड एवं भादवि की धारा 201 में दो वर्ष की कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। वहीं, अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर क्रमश: एक-एक वर्ष एवं तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का प्रावधान किया गया है।