भारत और जापान के तटरक्षकों ने शुक्रवार को चेन्नई के तट के निकट संयुक्त अभ्यास किया। इस अभ्यास के तहत संकट में फंसे जहाज के चालक दल को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाया गया। बंगाल की खाड़ी में ‘सहयोग काइजिन’ कोड नाम से संयुक्त अभ्यास में उन्नत उपकरणों से लैस आईसीजीएस शौर्य और जेसीजीएस याशिमा ने एमटी मत्स्यदृष्टि और एमवी अन्वेषिका के चालक दल को बचाने के लिए कार्रवाई की।
संकट की सूचना मिलने के तुरंत बाद तेज गश्ती जहाज आईसीजीएस एनी बेसेंट और आईसीजीएस रानी अब्बक्का बचाव अभियान शुरू करने के लिए आगे बढ़े। जहाजों के पहुंचने से पहले, दो डोर्नियर विमानों ने समुद्र के ऊपर उड़ान भरी ताकि बचाव जहाजों को सटीक गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिल सके। अभ्यास के तहत चालक दल को चिकित्सीय आपात स्थिति के लिए निकाले जाने के बाद तटरक्षक जहाजों ने आग की लपटों को बुझाने के लिए अपने अग्निशमन उपकरणों का इस्तेमाल किया।
संयुक्त अभ्यास की समीक्षा तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर महानिरीक्षक डॉनी माइकल ने की। जेसीजीएस याशिमा के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन युइची मोटोयामा ने विशेषज्ञता साझा करके और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा करके द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए आईजी के साथ बैठक की। यह पहल दोनों देशों के तटरक्षकों के बीच संयुक्त प्रशिक्षण, पेशेवर आदान-प्रदान और सांस्कृतिक संवाद के लिए 2006 में हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन से जुड़ी है।