नई दिल्लीः दिल्ली के कंझावला इलाके में हुई उस घटना को एक साल हो गया है जिसमें वर्ष 2023 के पहले ही दिन तड़के एक कार ने स्कूटी को टक्कर मारी थी और उस पर सवार 20 वर्षीय युवती दिल्ली की सड़कों पर उस कार के साथ-साथ लगभग 12 किलोमीटर तक घिसटती चली गई जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस युवती की मां रेखा ने इस भयावह घटना पर कहा, ‘‘ हम अंजलि के घर लौटने का इंतजार कर रहे थे ताकि हम नए साल की शुरुआत के लिए बंगला साहिब गुरुद्वारे में अरदास के लिए जा सकें।” उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं पता था कि उस रात हमें उसकी मौत के बारे में पुलिस से फोन आएगा।”
अंजलि रेखा की चार संतानों में से एक थी
अंजलि सिंह जब स्कूटर पर सवार थीं तो उन्हें एक कार ने टक्कर मार दी और उसी कार ने उन्हें सुल्तानपुरी से कंझावला तक घसीटा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रेखा और उनके परिवार ने अपनी प्यारी बेटी और एकमात्र कमाने वाले को खो दिया था। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के मंगोलपुरी की निवासी रेखा ने फोन पर मीडिया से कहा कि पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि उनकी बेटी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई और उन्होंने यह जानने के लिए तुरंत टेलीविजन चालू कर दिया कि क्या यह सच है। अंजलि रेखा की चार संतानों में से एक थी। रेखा ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि हमारे सभी रिश्तेदारों के लगातार फोन आ रहे थे। यह जानने के लिए कि वास्तव में क्या हुआ था। मैं बिल्कुल चुप थी।”
नए साल की शुरुआत में, मेरी बहन हमें किसी प्रार्थना स्थल पर ले जाती थीः अंजलि का भाई
अंजलि के 12 वर्षीय भाई वरुण ने कहा, ‘‘हम सब उन्हें बहुत याद करते हैं। नए साल की शुरुआत में, मेरी बहन हमें किसी प्रार्थना स्थल पर ले जाती थी।” रेखा ने कहा, ‘‘मुझे अभी भी उसकी मौत की वे तस्वीरें याद हैं, जो अब भी मुझे परेशान करती हैं और परिवार के हर सदस्य को परेशान करेंगी।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं जो पार्टी करने जाते हैं और नए साल का जश्न मनाते हैं, उन्हें बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि लोग शराब पीने के बाद ठीक ढंग से गाड़ी चलाना भूल जाते हैं।” इस समय बेरोजगार रेखा ने कहा कि अंजलि की प्रतिमाह लगभग 25,000 रुपए की आय परिवार के लिए एक बड़ा सहारा थी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें नौकरी दिलाने में मदद करेगी।
दिल्ली पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ 800 पृष्ठ का आरोप दायर किया था
रेखा ने कहा, ‘‘अंजलि की मौत के बाद मदद के माध्यम से हमें जो पैसा मिला था उसका एक हिस्सा मेरे इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया था जबकि कुछ हिस्सा तीन बच्चों के नाम पर सावधि जमा के रूप में रखा गया है।” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ 800 पृष्ठ का आरोप दायर किया था। उन्होंने बताया कि अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल पर हत्या का आरोप जबकि दीपक खन्ना, अंकुश खन्ना और आशुतोष भारद्वाज के खिलाफ अन्य अपराधों के तहत आरोप लगाए गए थे।
आशुतोष और अमित पर मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज
पुलिस के अनुसार, सभी सात आरोपियों पर आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी के तहत), सबूतों को नष्ट करने (धारा 201) और अपराधी को शरण देने (धारा 212) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आशुतोष और अमित पर भी मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। कार में सवार लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने किसी की चीख नहीं सुनी क्योंकि कार के अंदर तेज आवाज में संगीत बज रहा था।