बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट का कल शपथग्रहण हो गया। मुख्यमंत्री के अलावा कुल 14 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस पूरे प्रकरण में एक नाम जो सबसे ज्यादा गूंजा, वह था सुशील मोदी का। वर्षों से बिहार में नीतीश कुमार के साथ मिलकर एनडीए की सरकार चलाने वाले मोदी की जगह बीजेपी ने इसबार दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। हालांकि पार्टी के बड़ा नेता लगातार इसबात का जिक्र कर रहे हैं कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगा। आखिर वह जिम्मेदारी क्या होगी, इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है।
लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की फेहरिस्त मीडिया के सामने लाने वाले सुशील मोदी पर कटाक्ष करना का आरजेडी को मौका मिल गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी का मानना है कि सुशील मोदी की भूमिका बीजेपी में कम और नीतीश कुमार के सहयोगी के तौर पर अधिक हो गई थी। उनका यह भी मानना है कि बीजेपी ने मोदी का पत्ता काट दिया है।
बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट का कल शपथग्रहण हो गया। मुख्यमंत्री के अलावा कुल 14 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस पूरे प्रकरण में एक नाम जो सबसे ज्यादा गूंजा, वह था सुशील मोदी का। वर्षों से बिहार में नीतीश कुमार के साथ मिलकर एनडीए की सरकार चलाने वाले मोदी की जगह बीजेपी ने इसबार दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। हालांकि पार्टी के बड़ा नेता लगातार इसबात का जिक्र कर रहे हैं कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगा। आखिर वह जिम्मेदारी क्या होगी, इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है।
लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की फेहरिस्त मीडिया के सामने लाने वाले सुशील मोदी पर कटाक्ष करना का आरजेडी को मौका मिल गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी का मानना है कि सुशील मोदी की भूमिका बीजेपी में कम और नीतीश कुमार के सहयोगी के तौर पर अधिक हो गई थी। उनका यह भी मानना है कि बीजेपी ने मोदी का पत्ता काट दिया है।
शिवानंद तिवारी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी अन्य भाजपा नेताओं को उठने नहीं दे रहे थे। वह रोजाना सभी विषयों पर बोलते थे और अखबार और टीवी में छपे बिना नहीं रह सकते थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सुशील मोदी से कोई दुश्मनी नहीं है। वे उन्हें छोटा भाई मानते हैं।
वरिष्ठ आरजेडी नेता शिवानंत तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी के व्यक्तित्व में गहराई की कमी है। मुझे लगता है कि यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें इस बार राज्य मंत्रिमंडल में पद नहीं दिया।