सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी बिनॉय बाबू को जमानत दे दी है। जमानत देते वक्त शीर्ष अदालत ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि आप ट्रायल से पहले किसी भी शख्स को इतने लंबे समय तक जेल के अंदर नहीं रख सकते। हम सभी यह नहीं जानते हैं कि यह कब चलेगा। जस्टिस खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई और ईडी के आरोपों में विरोधाभास नजर आता है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्ट की पीठ ने जमानत देते हुए कहा कि बिनॉय बाबू 13 महीने की कैद से गुजर चुके हैं और उनके आवेदन में कई तथ्यात्मक परिस्थितियों को उठाया गया है। पीठ ने आगे कहा कि मामले में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है और आरोप तय नहीं किए गए हैं।
हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उपरोक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए अपीलकर्ता (बाबू) को जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी जाती है। बता दें, शीर्ष अदालत ने बिनॉय बाबू की उस अपील पर सुनवाई कर रही है जिसमें हाईकोर्ट के 3 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया गया था।