दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों व कॉलेजों के बाहर छात्रों को माइक पदार्थ आपूर्ति करने में शामिल दो अलग-अलग गिरोह के छह तस्करों को गिरफ्तार कर एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक गिरोह के आरोपित मणिपुर और थाईलैंड से गांजा व जैविक गांजा लाकर दिल्ली-एनसीआर में आपूर्ति करते थे। इनके कब्जे से 48 किलो गांजा, 15 ग्राम एमडीएमए व 1200 ग्राम जैविक गांजा बरामद की गई है।
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित किए गए संकल्पित उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर-शोर से काम कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह लगातार ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने व ड्रग्स के खतरे को जड़ से खत्म करने पर जोर दे रहे हैं।
उसी के तहत उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना व पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस ड्रग्स तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए संकल्पित है। पुलिस को सूचना मिली है कि कालेजों और विश्वविद्यालयों में ड्रग्स तस्कर काफी सक्रिय हैं जो छात्रों को ड्रग्स की आपूर्ति कर उनके जीवन खराब कर रहे हैं।
क्राइम ब्रांच को सूचना मिली की पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक ड्रग्स तस्कर गिरोह डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर में अपने घर से दिल्ली-एनसीआर में उच्च गुणवत्ता वाले गांजा व चरस की आपूर्ति कर रहा है। यह गिरोह मणिपुर और शिलांग से रेलवे मार्ग से गांजा व फुकेत, थाईलैंड से हवाई मार्ग से जैविक गांजा की तस्करी करता है।
डीसीपी अमित गोयल की टीम ने वहां से पहले दो को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे सड़क, रेल व हवाई मार्ग से गंजा दिल्ली लाते हैं। इन्होंने रुद्रांश गुप्ता को गांजा और जैविक गांजा की आपूर्ति की है। जिसके बाद रुद्रांश गुप्ता को उसके घर से 2.78 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
रुद्रांश ने बताया कि वह दो वर्षों से मादक पदार्थ तस्करी के कारोबार में संलिप्त है और उसने मिजोरम के रहने वाले नोंगमैथम जशोबंता और चकमा से गांजा व जैविक गांजा की डिलीवरी ली थी। वह इस गांजे को दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में अपने ग्राहकों को पोर्टर व वी-फास्ट सेवाओं के माध्यम से बेचता है।
रुद्रांश गुप्ता, जशोबंता का सहयोगी था, जो जशोबंता मणिपुर से गांजा और थाईलैंड से जैविक गांजा ट्रांसपोर्ट करता था और इसे आगे बेचने के लिए रुद्रांश गुप्ता को सौंपता था। रुद्रांश गुप्ता विभिन्न विश्वविद्यालयों में वाट्स एप, इंस्टाग्राम और फेसबुक आदि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ग्राहकों के संपर्क में था। उसने इन प्लेटफार्मों पर अपने ग्राहकों से आर्डर लिए और पोर्टर, वी-फास्ट आदि जैसी डिलीवरी सेवाओं के माध्यम से डिलीवरी की। पैसे वह यूपीआइ के माध्यम से खातों में लेता था।
नोंगमैथम जशोबंता सिंह मूलरूप से मणिपुर का रहने वाला है। वह पांच वर्षों से दिल्ली में रह रहा है ओर दो वर्षो से मादक पदार्थ तस्करी में संलिप्त है। थियम रबिकांत सिंह भी मणिपुर का है। वह स्नातक है और नोंगमैथम जशोबंता सिंह के लिए काम करता है। रुद्रांश गुप्ता, गुरुग्राम, हरियाणा में किराए के मकान पर रह रहा है। वह इंस्टाग्राम के माध्यम से नोंगमैथम जशोबंता सिंह के संपर्क में आया और ड्रग्स के अवैध कारोबार में संलिप्त हो गया।