पटना: बिहार में पटना स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने हथियारों एवं विस्फोटकों के जखीरा की बरामदगी के मामले में तीन कथित माओवादियों को 12 वर्ष तक के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश अभिजीत सिन्हा ने मामले में सुनवाई के बाद झारखंड स्थित पलामू के उदित नारायण सिंह उर्फ तुलसी उर्फ तूफान और जहानाबाद के करौरा निवासी अखिलेश उर्फ मनोज सिंह को विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निरोधक अधिनियम की धारा 16, 17, 18, 20 एवं 38 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1) ए, 26, 35 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा चार तथा पांच के तहत दोषी करार करार देने के बाद 12-12 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ 45-45 हजार रुपए का जुर्माना भी किया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोनों दोषियों को 27-27 माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
वर्ष 2012 का है मामला
वहीं, अर्जुन उर्फ मनी यादव को विशेष अदालत ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निरोधक अधिनियम की धारा 16, 20 और 38 एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा पांच के तहत दोषी करार देने के बाद 10 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना भी किया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर इस दोषी को 12 महीने के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। मामला वर्ष 2012 का था। एनआईए के लोक अभियोजक प्रमोद कुमार ने बताया की 26 मार्च 2012 को औरंगाबाद नगर थाना के थाना अध्यक्ष ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर उदित नारायण सिंह और अखिलेश कुमार के पास से तथा उनकी निशानदेही पर हथियारों, विस्फोटक पदार्थो एवं विस्फोटक पदार्थ बनाने के सामानो का जखीरा बरामद किया था।