ईस्ट तुर्किस्तान गवर्नमेंट इन एक्साइल (ईटीजीई) के नेतृत्व में उइगर समुदाय के सदस्यों ने चीन के पाखंड को लेकर अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। उइगरों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से चीन-पूर्वी तुर्किस्तान संघर्ष को संबोधित करने और पूर्वी तुर्किस्तान में चीन के उपनिवेशीकरण, नरसंहार और कब्जे के चल रहे अभियान के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। विरोध प्रदर्शन तब किया गया था, जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इज़राइल-हमास संघर्ष पर यूएनएससी बैठक का नेतृत्व किया था। प्रदर्शनकारियों ने हाथ में पोस्टर और तख्तियां पकड़ रखी थीं, जिन पर लिखा था, “पूर्वी तुर्किस्तान के लिए स्वतंत्रता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और चीन के उइगर नरसंहार को रोकें।”
प्रेस रिलीज में निर्वासित पूर्वी तुर्किस्तान सरकार ने कहा कि विरोध न केवल प्रतिरोध का प्रदर्शन था बल्कि चीनी सरकार के पाखंड के खिलाफ एक शक्तिशाली बयान था। इसमें कहा गया कि वांग यी ने अपने संबोधन में “फिलिस्तीनी लोगों के राज्य का अधिकार” और “उनके अस्तित्व के अधिकार” की वकालत की। हालांकि चीन पूर्वी तुर्किस्तान की स्वतंत्रता की बहाली को रोकने के लक्ष्य के साथ अधिकृत पूर्वी तुर्किस्तान में उइगर, कज़ाख, किर्गिज़ और अन्य तुर्क लोगों के खिलाफ उपनिवेशीकरण, नरसंहार और कब्जे का क्रूर अभियान चला रहा है।
निर्वासित पूर्वी तुर्किस्तान सरकार के विदेश मंत्री Salih Hudayar ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और चीन के दोहरेपन पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। प्रेस रिलीज में Salih Hudayar ने कहा चीनी सरकार का पाखंड, जो फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता और समर्थन की मांग करता है।
वैश्विक समुदाय इस तरह के घोर दोहरे मानकों को जारी रखते हुए न्याय और शांति के लिए खड़े होने का दावा नहीं कर सकता।
निर्वासित पूर्वी तुर्किस्तान सरकार के अध्यक्ष mamtimin ala जो विरोध प्रदर्शन में मौजूद नहीं थे, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन के लिए पूर्वी तुर्किस्तान के आह्वान को दोहराया। पूर्वी तुर्किस्तान के लोगों ने आज़ादी की लड़ाई में अटूट दृढ़ संकल्प दिखाया है। अब समय आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पूर्वी तुर्किस्तान के लोगों के राज्य के अधिकार और उपनिवेशवाद मुक्ति और स्वतंत्रता के संघर्ष को पहचाने और सक्रिय रूप से उसका समर्थन करे।”