भोपाल। मध्य प्रदेश में मतदान 17 तारीख को संपन्न हो चुका है और मतगणना के लिए कुछ ही दिन शेष बचे हैं। बता दें कि 3 तारीख को मतगणना होगी जिसको लेकर सभी प्रत्याशियों को इंतजार है। लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार प्रत्याशियों को नोटा का डर भी सता रहा है। बात करें पिछले विधानसभा चुनाव की 2018 में 16 सीटों पर नोटा ने प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ दिया था। 2018 विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर हार जीत का अंतर नोटा को मिले वोट से कम था।
वहीं प्रत्याशियों को चिंता है कि अगर इस बार नोटा को वोट ज्यादा मिले होंगे तो उनके वोटो का गणित बिगड़ सकता है। प्रत्याशियों को उन सीटों पर ज्यादा डर सता रहा है यहां पर नोटा को पिछले विधानसभा चुनाव में ज्यादा वोट मिले थे। बात करें 2018 के विधानसभा चुनाव की तो 2018 में नोटा को 5 लाख 40 हजार वोट मिले थे वहीं वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 6 लाख 51 हजार 510 वोट नोटा को दिए गए थे। इसी के साथ कोलारस , बीना, नेपानगर, राजपुर, पेटलावद, सुवासरा में भी नोटा को लोगों ने वोट दिए थे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भैंसदेही सीट पर सबसे अधिक नोटा को वोट मिले थे। यहां पर नोटा को लोगों ने 7 हजार 948 वोट दिए थे। इसी के साथ दूसरे नंबर पर महाकौशल और मालवा निमाड़ की सीटें थी विंध्य क्षेत्र में भी नोटा को 3 हजार से अधिक वोट दिए गए थे।