केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के मद्देनजर बृहस्पतिवार को गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों और डीजल से चलने वाले ट्रकों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत यह निर्देश जारी किया गया है। केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना जीआरएपी सर्दी के मौसम के दौरान दिल्ली-एनसीआर में लागू की जाती है। शाम पांच बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 402 रहा। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा से संबंधित बैठक में, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर अभी और बढ़ने की आशंका है।
सीएक्यूएम क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने वाला एक वैधानिक निकाय है। वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर जीआरएपी को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है। पहला चरण एक्यूआई 201 से 300 (खराब), दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 (बहुत खराब), तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 (गंभीर) और चौथा चरण एक्यूआई 450 (अति गंभीर) होने पर लागू किया जाता है। जीआरएपी के तीसरे चरण में आवश्यक सरकारी परियोजनाओं, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण, तोड़फोड़ कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है। तीसरे चरण में दिल्ली से बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों, डीजल से चलने वाले ट्रकों, और मध्यम व भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को छोड़कर) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।
जिन क्षेत्रों में एक्यूआई 400 के स्तर को पार कर गया है, उनमें आनंद विहार (450), बवाना (452), बुराड़ी क्रॉसिंग (408), द्वारका सेक्टर 8 (445), जहांगीरपुरी (433), मुंडका (460), एनएसआईटी द्वारका (406) , नजफगढ़ (414), नरेला (433), नेहरू नगर (400), न्यू मोती बाग (423), ओखला फेज 2 (415), पटपड़गंज (412), पंजाबी बाग (445), आर के पुरम (417), रोहिणी (454), शादीपुर (407) और वज़ीरपुर (435) शामिल हैं। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।