राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होने जा रहे हैं। मौजूदा समय कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार चल रही है। कांग्रेस को राजस्थान में 200 सीटों पर होने वाले चुनाव में पटखनी देना विपक्ष के लिए एक बार फिर चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। राजस्थान में विधानसभसा की कुल 200 सीटें हैं। सभी सीटों पर एक साथ चुनाव होना है। अगर हम बात करें जयपुर की तो यहां पर कांग्रेस पिछली बार की तरह विपक्ष पर हावी होने के लिए अपने पुराने दांव को आजमा सकती है।
8 में से 7 प्रत्याशी हो सकते हैं रिपीट
दरअसल, जयपुर शहर में 8 सीटों पर चुनाव होते हैं। यहां पर पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने 8 में से 5 सीटों पर कब्जा किया था। यह पहली बार था जब कांग्रेस को यहां पर ज्यादा सीटें प्राप्त हुईं थी। वहीं 2013 के चुनावों में उसे सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, पिछले 5 सालों से यहां पर कांग्रेस ने मजबूत पकड़ बनाई। ऐसे में पार्टी 8 में से 7 विधानसभा सीटों पर फिर से मौजूदा चेहरों पर ही दांव खेल सकती है। वहीं, एक सीट पर प्रत्याशी बदले जाने की संभावना है। पार्टी सूत्रों की मानें तो जिताऊ चेहरों के लिए कांग्रेस की ओर से करवाए गए सर्वे में आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, मालवीय नगर, सांगानेर, सिविल लाइंस और विद्याधर नगर में मौजूदा विधायकों और प्रत्याशियों को फिर से टिकट मिल जाएगी।
इस सीट पर नया प्रत्याशी उतराने की संभावना
हालांकि बगरू विधानसभा क्षेत्र में नए प्रत्याशी को उताने की संभावना जताई जा रही है। सर्वे रिपोर्ट पर दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी चर्चा हो चुकी है। 7 सीटों पुर पुराने चेहरे फिर से उतारने का एक कारण यह भी माना जा रहा है, कि पार्टी के पास उनके अलावा कोई नया ऐसा चेहरा है भी नहीं जो खेल पलट सके। वहीं, बीते छह माह में सरकार की ओर से लिए फैसलों के कारण भी इनकी परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है। हालांकि इन सीटों पर विधायकों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असंतोष है, लेकिन चुनावों के आखिरी समय पिछली बार की तरह इनका फिर एकजुट होना माना जा रहा है।
2013 में नहीं निकाल पाए थे सीट…
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2008 में हुए परिसीमन के बाद जयपुर शहर में आठ सीटें अस्तित्व में आई, लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार आठ में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2013 में हुए चुनाव में आठों सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा, 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में हवामहल, सिविल लाइंस और बगरू में कांग्रेस ने फतह हासिल की थी।
आखिरी चुनाव का परिणाम
2018 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 108 सीटों पर कब्जा किया था। हालांकि, पार्टी ने 1 सीट राष्ट्रीय लोक दल और 13 सीटें विजेता रहे आजाद प्रत्याशियों को अपने साथ मिलाकर 122 सीटों के साथ सरकार बनाई। वहीं बीजेपी कुल 70 सीटें ही अपने नाम कर पाई थी।