दिल्ली दुग्ध योजना (डीएमएस) की शनिवार से दूध की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। दूध में मिलावट पाए जाने के बाद भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की क्षेत्रीय इकाई ने दिल्ली दुग्ध योजना का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि डीएमएस दूध में कास्टिक साडा पाया गया है। इस मामले शुक्रवार को आदेश जारी हुआ जिसमे कहा गया है कि डीएमएस किसी भी प्रकार से दूध का उत्पादन नहीं करेगा और ना ही इसकी बिक्री करेगा।
डीएमएस ने मानी गलती
दरअसल, दो महीने पहले दिल्ली स्थित डीएमएस के शादीपुर प्लांट में कास्टिक सोडा पाया गया था। इसके बाद भी दूध की सप्लाई राजधानी में संचालित 400 बूथों और 800 दुकानों पर हो चुकी थी। डीएमएस ने अपनी गलती मानी और इस गलती को स्वीकार करते सभी आधा लीटर दूध के पैकेट को वापस लेने का लिखित आदेश जारी कर दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी बूथ संचालक दूध के सभी पैकेट जमा करके वापस डीएमएस को लौटा दे। ये दूध पीने योग्य नहीं है, क्योंकि दूध पैकेट 20 जुलाई को तैयार किए गए थे और इन्हें 22 जुलाई तक इस्तेमाल किया जा सकता था।
कहां होती है सप्लाई
बता दें कि, डीएमएस अभी दिल्ली में आधा लीटर से लेकर एक लीटर और पांच लीटर के पैकेट में दूध की सप्लाई करता है। इस दूध की सप्लाई संसद भवन तक होती है। दूध की सप्लाई सांसदों के निवास, एम्स और अस्पतालों में रोगियों के लिए भी होता है।