ग्वालियर: ग्वालियर के विश्व स्तरीय शारीरिक शिक्षण संस्थान एलएनआईपीई में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई। एक साथ 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को फूड पॉइजनिंग होने के कारण हड़कंप की स्थिति बन गई। सभी को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें से करीब 25 से अधिक छात्र छात्राओं की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। जिन्हें अंडर ऑब्जर्वेशन रखा गया है। बताया जा रहा है कि बीते दो दिनों से छात्र-छात्राओं की हालत धीरे-धीरे बिगड़ रही थी। जिसका उपचार संस्थान के ही स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा था। मंगलवार की शाम जब हालात अधिक खराब हुई तो संस्थान के अधिकारी व अन्य लोग छात्र-छात्राओं को लेकर सीधे ग्वालियर के 1000 विस्तरीय अस्पताल में पहुंचे जहां उनका इलाज शुरू करवाया गया।
100 से अधिक छात्र छात्राओं की बिगड़ी तबीयत
एलएनआईपीई के रजिस्ट्रारअमित यादव ने बताया कि स्वच्छता पखवाड़े की 1 अक्टूबर से 2 अक्टूबर तक छुट्टी थी। लेकिन बच्चों ने स्वच्छता का काम किया। उसके बाद सुबह से कुछ कंप्लेंट्स आना शुरु हो गई। हमें लगा नॉरमल फीवर होगा हो सकता है, वायरल चल रहा है। लेकिन जब बच्चों की जांच हुई तो उनके वाइट सेल के काउंट बड़े हुए आए। उनमें हाई इन्फेक्शन आया जिससे यह लगा कि इनको जो बीमारी है या बुखार तेज है यह ड्यू टू इंफेक्शन है हाय इंफेक्शन है। जिसके लिए मेडिटेशन दिया गया और एंटीबायोटिक दी गई। ओआरएस के घोल दिए गए, बॉटल्स में डाल डालकर। लेकिन दोपहर के बाद थोड़ी सी संख्या बढ़ने लग गई और थोड़ी सी सीनियरिटी बढ़ने लग गई बच्चों की। उसके बाद तत्काल हमने शाम 6:30 बजे से बच्चों को लाना शुरू कर दिया था। 1000 बिस्तर के अस्पताल में जहां पर कुछ बच्चे तो नॉर्मल मेडिटेशन पर हैं लेकिन अंडर ऑब्जर्वेशन है।
फूड पॉजनिंग का कारण बताते हुए रजिस्ट्रार ने कहा कि रात का डिनर या सुबह का नाश्ता बीमार होने की वजह हो सकता है। लेकिन अर्ली मॉर्निंग केसेस जाना शुरू हो गए थे, तो डिनर की ही प्रॉब्लम हो सकती है। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी। मैस में कौन है, सप्लायर कौन है, सप्लाई क्या किया गया था, कौन से खाने में दिक्कत आई है।
वही 1000 बिस्तर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आरकेएस धाकड़ ने बताया कि करीबन 100 बच्चे हैं। फूड प्वाइजनिंग का मामला लग रहा है। इसके बारे में पता लगते ही तत्काल उनका इलाज शुरु किया गया है। उनमें कुछ बच्चे थोड़ा सीरियस है। फिलहाल सभी का इलाज जारी है।
सैंपल लेने पहुंची फूड विभाग टीम
फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आने के बाद खाद्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दूध, दही, पनीर, तेल और पीने का पानी आदि का सैंपल लिया। अधिकारियों के पास सैंपलों की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर पहुंचाने की बात कही।