दून मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहे छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। छात्र का शव डोईवाला कोतवाली के लच्छीवाला में रेलवे ट्रैक पर मिला। पटेलगनर कोतवाली के कार्यवाहक प्रभारी भुवन पुजारी ने बताया कि मुनस्यारी पिथौरागढ़ निवासी जगत सिंह मर्तोलिया का पुत्र दीपराज (21) दून मेडिकल कालेज से एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष का छात्रा था।
वह अपनी मां पुष्पा देवी के साथ पथरीबाग में किराये के मकान में रहता था। 8 नवंबर की दोपहर तीन बजे दीपराज बिना बताए घर से चला गया। रात नौ बजे पुलिस ने दीपरज की गुमशुदगी दर्ज कर सभी थाना पुलिस को सूचना दी। रात पौने ग्यारह बजे डोईवाला पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक का शव डोईवाला कोतवाली के अंतर्गत लच्छीवाला रेलवे ट्रैक पर पड़ा है।
सूचना पर डोईवाला कोतवाली निरीक्षक सूर्यभूषण नेगी मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। प्रथम दृष्टया पुलिस ने पाया कि ट्रेन से टकराकर युवक की मौत हुई है। पुलिस ने उसके फोटो पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजे, जिसके बाद शिनाख्त दीपराज के रूप में हुई। भुवन पुजारी ने बताया कि सूचना पर परिजन डोईवाला स्थित अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे और पुलिस से जानकारी ली। सोमवार को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द किया है।
पटरी पर चॉक से लिखा था क्रांतिकारी शायर का शेर
जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो पटरियों पर चॉक से कुछ शब्द लिखे मिले। पुलिस ने पढ़कर पाया कि यह हबीब जालिब का शेर है। लिखा था कि ‘दीप जिस का महल्लात ही में जले, चंद लोगों की ख़ुशियों को लेकर चले, वो जो साए में हर मस्लहत के पले, ऐसे दस्तूर को सुब्ह-ए-बे-नूर को मैं नहीं मानता मैं नहीं जानता- इंकलाब जिंदाबाद’। घटनास्थल जंगल से भी करीब डेढ़ किलोमीटरअंदर था। यह किसने लिखा इसका पुलिस पता लगा रही है।
घर में ही छोड़ा था मोबाइल और पर्स
पटेलनगर कोतवाली के एसएसआई भुवनचंद्र ने बताया कि दीपराज के काफी देर तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजबीन की। दीपराज का मोबाइल, पर्स आदि सामान घर पर ही मिला है।
ट्रेन के आगे युवक के कूदने की सूचना मिली
डोईवाला कोतवाली के एसएसआई महावीर रावत ने बताया कि रात में कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि रेलवे ट्रेक पर एक युवक ट्रेन के आगे कूदा है। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो दीपराज का शव वहां मिला।
बहन-मां ने ऑडियो मैसेज दिया था
दीपराज 2016 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने दून आ गया था। यहां वह हास्टल में रहता था। उसकी छोटी बहन भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए दून आई थी। तभी उसकी मां भी यहां शिफ्ट हो गईं। दीपराज भी उन्हीं के साथ रहने लगा था। छात्रों के ग्रुप में रविवार को दीपराज की मां एवं बहन ने एक ऑडियो संदेश दिया था। जिसमें उसके मिसिंग होने की जानकारी दी थी और उसके बारे में कोई सूचना मिलने पर जानकारी देने की बात कही थी। बताया गया है कि दीपराज अपना फोन घर पर ही छोड़ गया था। उसी के फोन से ग्रुप में मैसेज छोड़ा गया।
दून मेडिकल कॉलेज का कूल पहाड़ी ड्यूड था दीपराज
देहरादून। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी के रहना वाला एमबीबीएस का छात्र दो साल बाद डाक्टर बन जाता। लेकिन वह अब इस दुनिया में नहीं है। दून मेडिकल कॉलेज के छात्रों एवं शिक्षकों ने जब दीपराज की मौत की खबर सुनी तो सन्न रह गये। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ आखिर ये सब कैसे हो गया। दीपराज एमबीबीएस के बैच 2016 का छात्र था, 2016 में बैक लगने के कारण वह बैच 2017 के छात्रों के साथ पढ़ाई कर रहा था। कॉलेज में वह हॉस्टल में रहता था।
लॉकडाउन से कुछ दिन पहले अपनी मां के साथ रहने लगा था। छात्रों को बीच वह काफी मिल जुलकर रहता था। खुशमिजाज और शांत स्वभाव का था। योगा में भी दिलचस्पी थी। छात्रों ने उसका नाम कूल पहाड़ी ड्यूड (सीपीडी) रखा हुआ था। अपने बीच से ऐसे मिलनसार छात्र के जाने से छात्र सदमे में हैं। कार्यवाहक प्राचार्य नवीन चंद्र थपलियाल का कहना है कि छात्र के बारे में सूचना मिली है। परिजनों से अभी संपर्क नहीं हुआ है। एक छात्र का यूं चले जाना कॉलेज के लिए दुखद है।