लीबिया में बाढ़ के चलते तबाह हुए एक तटीय शहर में बचाव टीम मलबे से शवों को निकालने में संघर्ष कर रही है।मानवाधिकार एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने अनुमान जताया है कि अकेले डर्ना शहर में 3000 से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है। अधिकारियों ने कहा कि भूमध्यसागर से उठे तूफान ‘डेनियल’ ने पूर्वी लीबिया के कई शहरों में तबाही मचाई और अचानक बाढ़ आ गई, लेकिन सबसे ज्यादा तबाही डर्ना में हुई, जहां भारी बारिश और बाढ़ के चलते बांध टूट गए और उनका पानी चारों तरफ फैल गया।
‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस’ और ‘रेड क्रिसेंट सोसाइटीज’ में लीबिया के दूत तामीर रमदान ने कहा कि अभूतपूर्व बाढ़ के बाद 10,000 लोग लापता हैं। ट्यूनीशिया से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र ब्रीफिंग में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या ‘बहुत ज्यादा’ है और आने वाले दिनों में इसके हजारों तक पहुंचने की आशंका है। ‘लीबियन रेड क्रिसेंट’ ने मंगलवार तड़के कहा कि उसके दलों ने डर्ना में 300 से अधिक लोगों के शव निकाले हैं।
अधिकारियों ने डर्ना को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है। पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री उस्मान अब्दुल जलील के अनुसार, शहर के पड़ोस में अब भी और शव मलबे में हैं, या समुद्र में बह गए हैं। पूर्वी लीबिया सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि डर्ना शहर में विनाशकारी बाढ़ में मारे गए 700 लोगों को अब तक दफन किया जा चुका है और मृतकों की संख्या काफी बढ़ सकती है। डर्ना में घटनास्थल पर मंगलवार को पहुंचे उस्मान अब्दुल जलील ने स्थानीय टीवी स्टेशन को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा कि शहर के विभिन्न अस्पताल शवों से अटे पड़े हैं।