लखनऊः आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की नजर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर टिकी है क्योंकि कई राज्यों की लोकसभा सीटें मिलाकर अकेले उत्तर प्रदेश के बराबर होती हैं। कहा ये भी जाता है कि जिस भी पार्टी की सीटें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा होती हैं केंद्र में सरकार उसी की बनती है। यानि की हम कह सकते हैं कि केंद्र का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है। एसे में सभी पार्टियों की नजर उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की लगी रहती है। इसके लिए सभी पार्टियां ने अभी से तैयारी तेज कर दी है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस अब राष्टीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को यूपी से 2024 के रण में उतारने की योजना बना रही है।
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में हिमाचल-कर्नाटक जीतने से उत्साहित है कांग्रेस-
बता दें कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथों में आने के बाद कांग्रेस पार्टी उत्तर भारत का हिमाचल प्रदेश और दक्षिण भारत का कर्नाटक राज्य जीत चुकी है। इसका पूरा श्रेय मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके काम करने के तरीके को दिया जा रहा है, लेकिन अब बीते दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद दयनीय रहा है और बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
दलितों के वोट पर है कांग्रेस की नजर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब पार्टी के कई दिग्गजों को 2024 का चुनाव उत्तर प्रदेश से लड़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यूपी की किसी रिजर्व सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल कांग्रेस पार्टी की नजर दलितों के वोट पर है और इसी वजह से पार्टी का थिंक टैंक मल्लिकार्जुन खड़गे को यूपी से चुनावी रण में उतारने का प्लान बना रहा है।
मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी तबभी कांग्रेस नहीं बदलेगी फैसला
कांग्रेस पदाधिकारियों का दावा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को यूपी से चुनाव लड़ाने का प्लान दलित वोटों को टारगेट करने के लिए बनाया जा रहा है। अगर मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होती भी हैं तो भी कांग्रेस अपना फैसला नहीं बदलेगी। यूपी में कांग्रेस के नए चीफ अजय राय ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए यह जरूरी है कि NDA के खिलाफ सभी पार्टियों का एक ही प्रत्याशी हो।