बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में दो बड़ी बातें थीं। एक तो मोदी लहर, दूसरा जदयू व राजद का साथ। ये दोनों बातें इतनी प्रभावी हुईं कि लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की हर कोशिश धराशायी हो गई। जिले के सभी 11 विधानसभा के चुनाव की रोचक कहानी है। दो मुख्य लड़ाकों के आगे तीसरे को मतदाता भाव नहीं देते। पिछले तीन चुनाव से लड़ाई हमेशा आरपार की रही है और कोई भी कद्दावर उम्मीदवार इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में सफल नहीं हो पाया।
10 नवंबर को चुनाव नतीजे आने हैं। मुजफ्फरपुर अपने पिछले इतिहास की ओर ताक रहा है। सवाल चर्चा में है कि क्या सीधी लड़ाई की परंपरा मतदाताओं ने इस बार भी जारी रखी है, या परिस्थितियों ने लड़ाई को त्रिकोणीय भी बनाया है। एक नजर डालते है 2005 से लेकर 2015 तक के चुनावी इतिहास पर। तीनों चुनाव में 476 उम्मीदवारों में 66 हार जीत में शामिल रहे। बाकी 408 की जमानत जब्त हो गई।
विधानसभा चुनाव 2015 : विजेता-उपविजेता को छोड़ 192 में सिफ एक की बची जमानत :
पिछले चुनाव में गायघाट विधानसभा से राजद प्रत्याशी महेश्वर प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की व भाजपा प्रत्याशी वीणा देवी उनसे हारीं। बाकी चुनाव मैदान में डटे 21 में से 19 लड़ाके अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये। औराई विधानसभा क्षेत्र से राजद उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार ने जीत दर्ज की जबकि भाजपा के रामसूरत राय रनर रहे। यहां से खड़े बाकी 13 उम्मीदवारों की जमानत जप्त हो गई। बोचहां में निर्दलीय बेबी कुमारी जीती तो जदयू उम्मीदवार रमई राम उनसे हार गए। बाकी 13 उम्मीदवार अपनी जमानत राशि तक गंवा बैठे। सकरा से राजद उम्मीदवार लाल बाबू राम जीते तो भाजपा उम्मीदवार अर्जुन राम उनसे हारे, बाकी 12 प्रत्याशी की जमानत नहीं बच पायी। कुढ़नी में भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता जीते तो मनोज कुमार सिंह रनर रहे, बाकी 28 उम्मीदवारों की जमानत नहीं बची। वहीं मुजफ्फरपुर में भाजपा के सुरेश कुमार शर्मा जीते तो जदयू के बिजेंद्र चौधरी चुनाव हारे। इनके अलावा मैदान में ताल ठोक रहे 18 प्रत्याशियों की जमानत नहीं बच पायी। मीनापुर से राजीव कुमार विजयी रहे तो रनर अजय कुमार सिंह रहे, बाकी 14 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। कांटी में निर्दलीय अशोक कुमार चौधरी विनर रहे तो हम के अजीत कुमार रनर रहे इस बार 21 में से 18 उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई। एक जमानत बचा ले गया। पारू में बीजेपी के अशोक कुमार सिंह विजेता रहे तो राजद के शंकर प्रसाद रनर रहे, बाकी 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुइ। साहेबगंज में राजद के रामविचार राय विजेता रहे तो भाजपा के राजू कुमार सिंह रनर रहे, बाकी 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। बरूराज में राजद के नंद कुमार राय विजेता बने तो भाजपा को अरुण कुमार सिंह रनर रहे बाकी 10 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
विधानसभा चुनाव 2010 : 178 में लड़ाकों में 155 ने गंवाई जमानत
2010 के चुनाव में 178 में लड़ाकों में 155 ने अपनी जमानत गंवा दी। गायघाट में विनर भाजपा की वीणा देवी व राजद के रनर रहे महेश्वर यादव के अलावा बाकी सभी 14 उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई। औराई में विनर भाजपा प्रत्याशी रामसूरत राय व रनर राजद के सुरेंद्र कुमार का छोड़ बाकी सभी 14 के जमानत जप्त हुए। बोचहां में विनर जदयू के रमई राम व रनर राजद के मुसाफिर पासवान को छोड़ बाकी सभी 12 अपनी जमानत नहीं बचा पाये, तो सकरा के विनर जदयू के सुरेश चंचल व रनर राजद के लाल बाबू राम को छोड़ बाकी सात अपनी जमानत भी गवां बैठे। वहीं कुढ़नी में विनर जदयू के मनोज कुमार सिंह व रनर लोजपा के विजेंद्र चौधरी को छोड़ बाकी 19 की जमानत जब्त हुई तो मुजफ्फरपुर में विनर भाजपा के सुरेश कुमार शर्मा व रनर लोजपा के मो. जमाल को छोड़ बाकी सभी 17 के जमानत जप्त हो गए। इस साल हुए चुनाव में मीनापुर में जदयू के निदेश प्रसाद विजेता रहे तो राजद के राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव रनर रहे बाकी 12 उम्मीदवारों की जामनत जब्त हुई। कांटी में जदयू के अजीत कुमार विजेता रहे तो राजद के मो. इसराइल रनर रहे। इस बार 24 में से 21 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। एक ने जमानत बचा ली। पारू में भाजपा के अशोक कुमार सिंह विजेता रहे तो राजद के मिथिलेश प्रसाद यादव रनर रहे बाकी 14 की जमानत जब्त हुई। साहेबगंज में भाजपा के राजू कुमार सिंह विजेता बने तो राजद के रामविचार राय रनर रहे, बाकी 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। वहीं बरूराज में राजद के बृज किशोर सिंह विजेता रहे तो जदयू के नंद कुमार राय रनर रहे, बाकी 12 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
विधानसभा चुनाव 2005 अक्टूबर: विजेता-उपविजेता को छोड़ सबने गंवाई जमानत :
वर्ष 2005 के अक्टूबर के चुनाव में 106 में से सिर्फ 22 की जमानत बची। गायघाट से विनर राजद उम्मीदवार महेश्वर प्रसाद यादव व जदयू के रनर अशोक कुमार सिंह को छोड़ बाकी चार लड़ाकों की जमानत जप्त हुई। बोचहां में विनर राजद के रमई राम को छोड़ रनर जदयू के शिवनाथ चौधरी समेत सभी सात उम्मीदवारों के जमानत जप्त हो गए। वहीं औराई में विनर जदयू के अर्जुन राम को छोड़ रनर निर्दलीय अभय कुमार सहित सभी 10 उम्मीदवारों की जमानत जप्त हो गई। सकरा में विनर जदयू के बिलट पासवान व राजद के रनर रहे लाल बाबू राम को छोड़ बाकी सभी सात उम्मीदवारों के जमानत जप्त हो गई। वहीं कुढ़नी में विनर जदयू के मनोज कुमार सिंह व राजद के रनर अजय निषाद को छोड़ बाकी सभी सात उम्मीदवारों की जमानत चली गई। वहीं मुजफ्फरपुर में विनर निर्दलीय विजेंद्र चौधरी व कांग्रेस की रनर विनीता विजय को छोड़ बाकी सभी 13 उम्मीदवारों की जमानत तक जप्त हो गई। कांटी से जदयू उम्मीदवार अजीत कुमार विजेता रहे तो राजद के मो. हैदर आजाद रनर रहे, बाकी सात उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। मीनापुर से जदयू के दिनेश प्रसाद विजेता रहे तो राजद के हिंद केसरी यादव रनर रहे, बाकी छह की जमानत जब्त हो गई। पारू में भाजपा के अशोक कुमार सिंह विजेता रहे तो राजद के मिथिलेश प्रसाद यादव रनर रहे, बाकी सात उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई, साहेबगंज में जदयू से राजू सिंह विजेता बने तो राजद के राम विचार राय रनर रहे बाकी 10 उम्मीदवार अपनी जमानत तक गंवा बैठे इसी तरह बरूराज से जदयू के शशि कुमार राय विजेता हुए तो राजद के बृज किशोर सिंह रनर रहे बाकी सात उम्मीदवार अपनी जमानत गंवा बैठे।
तीन चुनाव में 476 उम्मीदवार 66 हार-जीत में शामिल, 408 की जमानत जब्त
क्षेत्र 2005 2010 2015 कुल जमानत जब्त
गायघाट 06 16 21 43 37
औराई 10 16 15 41 35
बोचहां 08 14 15 37 31
सकरा 09 09 14 32 26
कुढ़नी 09 21 30 60 54
कांटी 10 24 21 55 47
बरूराज 12 14 12 38 32
पारू 10 16 13 39 33
मीनापुर 08 14 16 38 32
मुज. 15 19 20 54 48
सहेबगंज 09 15 15 39 33
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कुल 106 178 192 476 408