ग्लोबल इकोनॉमी के बड़े खिलाड़ी देशों के शीर्ष नेता भारत आ रहे हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले इन नेताओं के साथ पी.एम. मोदी की द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। ऐसे में भारत के पास द्विपक्षीय संबंधों को और गति देने का एक बड़ा मौका है।
अमरीका
शिखर सम्मेलन में आ रहे अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सम्मेलन शुरू होने से पहले 8 सितम्बर को पी.एम. मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। व्हाइट हाऊस कह चुका है कि इस दौरान बाइडेन भारत के साथ अमरीका की प्रतिबद्धता दोहराएंगे। अमरीका के साथ ऊर्जा क्षेत्र, रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर लगातार काम हो रहा है। चीन की पड़ोसी देशों के खिलाफ महत्वाकांक्षी नीतियों पर रोक लगाने में भारत और अमरीका सहयोगी के रूप में बड़ी रणनीतिक भूमिका पर काम कर सकते हैं।.
ब्रिटेन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली आ रहे हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच 20.42 अरब डॉलर का व्यापार होता है। यूरोपीय संघ से अलग- होने के बाद ब्रिटेन भारत के साथ व्यापारिक सांझेदारी मजबूत करने के प्रयास में जुटा है। वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता चाहता है। इस पर दोनों देशों के बीच 12 दौर की वार्ता हो चुकी है। प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते में कुल 26 अध्याय हैं, इनमें से अधिकांश पर बातचीत हो चुकी है। ऑटोमोबाइल सैक्टर में ब्रिटेन शुल्क कटौती चाहता है। भारत कपड़ा, चमड़ा और दूसरे श्रम आधारित क्षेत्रों में शून्य टैरिफ पर जोर दे रहा है। यह माना जा रहा है कि शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के नेता इस पर बातचीत को अंतिम रूप देने की कोशिश करेंगे।
फ्रांस
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों भी 9 और 10 सितम्बर को नई दिल्ली में होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वह कई मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। भारत और फ्रांस के बीच पुराने मैत्री संबंध हैं। दोनों देशों के बीच सुरक्षा, अंतरिक्ष, असैनिक परमाणु क्षेत्र में सहयोग है। दोनों के बीच पुरानी मजबूत आर्थिक सांझेदारी है। दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, नवीकरण ऊर्जा, साइबर स्पेस और डिजिटल सहयोग को आगे आ रहे हैं।
आस्ट्रेलिया
आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज 9 और 10 सितम्बर को नई दिल्ली में होंगे। उन्होंने विकास, समृद्धि,स्थिरता, स्थिरता और संप्रभुता व स्थाई शांति के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। उनकी यह प्रतिबद्धता चीन की निरंकुशता को नियंत्रित करने की दिशा में सहयोग का विश्वास दिलाती है। वैसे पिछले साल ही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता लागू हुआ है।
यूरोपीय संघ
भारत और यूरोपीय संघ के बीच भी मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। दोनों पक्ष चाहते हैं कि इस साल के अंत तक समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्लस मिशेल के साथ इस पर बातचीत आगे बढ़ सकती है।
जर्मनी
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज और जिनपिंग की अनुपस्थिति के बीच इस शिखर को सम्मेलन को बेहद महत्वपूर्ण मान रहे हैं। भारत और जर्मनी के बीच पनडुब्बी खरीद की बातचीत चल रही है। जर्मनी चाहता है कि भारत हथियारों के लिए रूस पर निर्भर न रहे। इसलिए वह भारत के साथ संबंध बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
अन्य देश: चीन को रणनीतिक मात देने के लिए जरूरी है कि उसके पड़ोसियों के साथ संबंध मजबूत बनाए जाएं। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सौक यौल भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं। भारत ने अपने पड़ोसियों में से बंगलादेश को भी इस सम्मेलन में मेजबान की हैसियत से आमंत्रित किया है।