यमुनानगर : पिछले 22 दिनों से यमुनानगर की सभी आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। इसी बीच सोमवार को महिलाएं हरियाणा विधानसभा का घेराव करने के लिए पंचकुला जा रही थी, तभी पुलिस के साथ उनकी धक्का मुक्की हुई थी और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। आरोप है कि पुलिस की धक्का मुक्की से एक पारुल नाम की महिला की बेहोश हो गई थी और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां देर रात उसकी मौत हो गई। जिसके बाद प्रदेश के सभी आशा वर्कर्स में रोष है और वे इस मौत का जिम्मेदार सरकार को बता रही हैं। अब इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है।
हरियाणा आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा की सभी-बहन बेटियों के लिए दुखद घटना है। राखी के दिन खट्टर सरकार की नीतियों और रुख की वजह से एक बहन की जान चली गयी। सरवारा ने कहा कि परिजनों के साथ हमारी संवेदना है। उन्होंने महिला की मौत का ठीकरा सरकार के सिर पर फोड़ा है और सीधे-सीधे इसका जिम्मेदार प्रदेश सरकार को बताया है। सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने पूछा कि आशा बहनों के साथ आखिर इतनी बेरुखी क्यों कर रही है सरकार।
बता दें कि पिछले 22 दिनों से प्रदेश की आशा वर्कर्स सरकार से मांग कर रही हैं कि उनका वेतन 26 हजार रुपये किया जाए और उनको सरकारी नौकरी का दर्जा दिया जाए। मृतका पारुल आशा वर्कर थी और पिछले 22 दिनों से संगठन के साथ अपने हक की लड़ाई लड़ रही थी। पारुल की उम्र 40 साल थी और उसके दो बच्चे हैं। मृतका का पति रिक्शा चालक है। संगठन की मांग है कि अब सरकार उनको सहायता राशि दे और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।