राजस्थान के दो अलग-अलग जिलों में तीन सुसाइड के मालमे सामने आए हैं। इनमें से दो मामले कोटा से सामने आए हैं। कोटा जिले में छात्रों की आत्महत्या के मामले कम नहीं हो रहे हैं। रविवार को दो और छात्रों ने सुसाइड कर लिया। इसके साथ ही कोटा में इस साल आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है, जबकि एक अन्य मामला हनुमानगढ़ जिले से सामने आया है। जहां यूपीएससी की तैयारी कर रही लड़की ने मौत को गले लगा लिया। मामला शनिवार का बताया जा रहा है।
कोटा में पहली सुसाइड की खबर एलन कोचिंग में पढ़ने वाले महाराष्ट्र निवासी आविष्कार संभागी के रूप में सामने आई, संभागी ने कोचिंग सेंटर की छत से कूदकर जान दी, जबकि सुसाइड करने वाले दूसरे छात्र की पहचान बिहार निवासी आदर्श के रूप में हुई है।
उधर, हनुमानगढ़ के सर्किल इंस्पेक्टर वेदपाल सिंह के मुताबिक, मृतक की पहचान प्रियंका के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि कल एक लड़की की आत्महत्या से मौत हो गई। वह जून से अन्य लड़कियों के साथ गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी और आईएएस की तैयारी के लिए ऑनलाइन कक्षाएं ले रही थी… हमें एक नोट मिला है और हम इसकी जांच कर रहे हैं। हमने शव भेज दिया है।” पोस्टमार्टम के लिए और उसके पिता द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की आगे की जांच जारी है।
उल्लेखनीय है कोटा में एक के बाद एक छात्रों के सुसाइड की खबरों से प्रशासन में हड़कंप है। सुसाइड करने वाले दूसरे छात्र के बारे में कुल्हाणी थाना पुलिस ने बताया कि मृतक आदर्श ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पुलिस के मुताबिक मृतक छात्र आदर्श भी कोटा में कोचिंग पढ़ता था।
सुसाइड करने वाले महाराष्ट्र निवासी आविष्कार संभागी कोटा में अपने नाना-नानी के साथ रहता था और नीट की तैयारी कर रहा था. घटना की सूचना के बाद विज्ञान नगर थाना पुलिस छात्र को एक निजी अस्पताल में लेकर जाए, जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया। एक ही दिन में दो छात्रों की मौत से कोटा में इस साल स्टूडेंट सुसाइड का आंकड़ा 23 पहुंच गया है, जबकि जिला प्रशासन लगातार बच्चों को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन मामले नहीं घट रहे हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में छात्रों के बीच आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार सतर्क हो गई है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर उतर आई है। हाल ही में राजस्थान के कोटा में छात्रों के बीच बढ़ते आत्महत्या के मामलों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक समिति का गठन किया जो छात्रों की आत्महत्या पर एक रिपोर्ट सौंपेगी। राजस्थान के कोटा में पिछले आठ महीनों में 22 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है।
इससे पहले छात्र आत्महत्या पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का जिक्र करते हुए, गहलोत ने कहा, “एनसीआरबी के अनुसार, 2021 में लगभग 13,000 छात्रों की आत्महत्या से मृत्यु हो गई। 1,834 मौतों के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक आत्महत्याएं दर्ज की गईं, इसके बाद मध्य प्रदेश (1,308) का स्थान है।” तमिलनाडु (1,246), कर्नाटक (855) और ओडिशा (834)। समस्या को सामूहिक प्रयास से हल किया जा सकता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राजस्थान में ऐसी आत्महत्याओं की संख्या 633 थी, जो अन्य राज्यों की तुलना में कम है, लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे के प्रति ‘गंभीर और संवेदनशील’ है।