गोपेश्वरः उत्तराखंड के चमोली में हुए करंट हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की अलकनंदा के तट पर बृहस्पतिवार को अंत्येष्टि की गई। हादसे का शिकार हुए हरमनी, रांगतौली और रोपा गांवों के 12 लोगों का पारंपरिक घाटों पर बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
कुहेड़ और बाजपुर गांव के समीप स्थित श्मशान घाटों पर आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग मृतकों को अंतिम विदाई देने आए। हादसे में मारे गए मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) में कार्यरत एवं हरमनी गांव के रहने वाले गणेश लाल, उसके भाई दीपू कुमार और उनके पिता महेंद्र लाल को मुखाग्नि उनके छोटे भाई मनीष ने दी। होम गार्ड मुकुंदी राम और गोपाल का दाह संस्कार उनके पुत्रों ने किया। हादसे में मारे गए पुलिस उप निरीक्षक प्रदीप रावत सहित अन्य चार का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांवों में किया गया।
इस हादसे के मद्देनजर शोक में चमोली समेत आसपास के इलाकों में बाजार तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी बंद रही। चमोली कस्बे में अलकनंदा नदी के किनारे ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत बने (एसटीपी) में बुधवार को करंट फैलने से 16 व्यक्तियों की मौत हो गई थी जबकि 11 अन्य घायल हो गए थे।