इस्लामाबाद: पाकिस्तान का दोहरा चरित्र दुनिया के लिए कोई नई बात नहीं है । नए मामले में पाकिस्तान का चेहरा फिर बेनकाब हो गया है। पाकिस्तान मदद के बदले रूस को धोखा देने की तैयारी कर रहा है यानि यूक्रेन को नए हथियारों की खेप सप्लाई करेगा । पाक में आटे का अकाल पड़ा हुआ था तब रूस ने उसे गेहूं की खेप के रूप में बड़ी मदद की थी। पाकिस्तान ने रूस का एहसान तो क्या चुकाना बल्कि उसने यूक्रेन को नए हथियारों की खेप सप्लाई करने का फैसला किया है। पाकिस्तान इस वक्त गंभीर आर्थिक संकट की चपेट में है जिससे उभरने के लिए वह सिर्फ मित्र देशों पर निर्भर है।
रूस से पाक को लगातार कभी सस्ता तेल तो कभी गेहूं मिल रहा है लेकिन बदले में पाकिस्तान ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने का फैसला किया है जो रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कथित तौर पर एक एयर ब्रिज का हिस्सा है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, वह इन शिपमेंट को यूक्रेन तक पहुंचाने के लिए विदेशी देशों में डिफेंस सप्लायर और कॉन्ट्रैक्टर्स का इस्तेमाल कर रहा है। यह भी पता चला है कि ब्रिटेन रावलपिंडी में पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को यूक्रेनी सेना के लिए सैन्य उपकरणों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक प्रमुख बेस के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
यह खबर तब सामने आई है जब यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा 20 जुलाई को इस्लामाबाद की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू कर रहे हैं। रूस के खिलाफ यूक्रेन की लड़ाई भी बाधित हो रही है क्योंकि उसके हथियारों का भंडार घट रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच इस बड़े डेवलेपमेंट की जानकारी दी गई है। यूक्रेनी विदेश मंत्री 20 और 21 जुलाई को इस्लामाबाद का दौरा करेंगे। वह पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और पाक पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात करेंगे।
गौर करने वाली बात यह है कि 1993 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से यह कुलेबा की पाकिस्तान की पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा होगी। आर्थिक रूप से पाकिस्तान के लिए यह सबसे बुरा दौर है। ऐसे में प्रतीत हो रहा है कि वह यूक्रेन को हथियार सप्लाई करके रूस-यूक्रेन जंग से पैसा कमाना चाहता है। पाकिस्तानी कंपनियां भी अपने लाभ को बढ़ाने के लिए इस संघर्ष का फायदा उठा रही हैं।