साहिबाबाद: बाढ़ ने बदरपुर गांव को सबसे अधिक प्रभावित किया है। अभी घरों का आधा हिस्सा बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। पिछले नौ दिन से लोग बेघर हैं, लेकिन बदरपुर दिल्ली व उत्र प्रदेश राज्य में आने के कारण 90 परिवारों को मदद नहीं मिल पा रही है। यहां का प्रशासन दिल्ली से मदद लेने के लिए कहता है, लेकिन दिल्ली वाले यूपी का बताकर मदद नहीं करते।
बदरपुर गांव दो हिस्सों में बटा हुआ है। दिल्ली में आने वाले हिस्से को बदरपुर खादर दिल्ली-94 के नाम से जाना जाता है। यहां करीब 700 परिवार हैं। यूपी के लोनी गाजियाबाद में आने वाली बदरपुर कालोनी में 90 से ज्यादा परिवार हैं। बदरपुर खादर दिल्ली में रहने वालों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से राहत शिविर लगाए गए हैं।
दूसरी ओर बदरपुर कॉलोनी में रहने वाले लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। लोगों का आरोप है कि जब वह दिल्ली के राहत शिविरों में जाते हैं तो रहने से मना कर दिया जाता है। गाजियाबाद प्रशासन की ओर से दिल्ली का कहकर मदद नहींं मिल रही है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि ज्यादातर लोग करीब डेढ़ साल से यहां रह रहे हैं। आरोप है कि उन्हें दिल्ली व गाजियाबाद से कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
इस कारण बन रही समस्या
बदरपुर कालोनी में रहने वाले ज्यादातर लोगों के पहचान पत्र दिल्ली व अन्य शहरों के हैं। दिल्ली की आईडी होने के कारण यहां के लोग दिल्ली में ही वोट करते हैं, लेकिन इनके घरों की रजिस्ट्री गाजियाबाद की है। यानी जिस क्षेत्र में वह रहते है वह गाजियाबाद जिले के लोनी में आता है। यही कारण है कि यहां के लोग दिल्ली-यूपी सीमा विवाद में फंसे हुए हैं।