नेब सराय थाना पुलिस टीम ने तीन एटीएम से करीब 51 लाख नकद उड़ाने वाले दो चोरों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान मीठापुर के विवेक कुमार और उत्तर प्रदेश के मऊ स्थित बीबीपुर गांव के साहिल रजा अंसारी के रूप में हुई है। गिरफ्तार चोर एटीएम में नकद जमा करने और एटीएम कियोस्क की देखरेख करने वाली एक कंपनी में काम करते थे।
10 लाख रुपये बरामद
उनके कब्जे से चोरी की 10 लाख 20 हजार नकद राशि बरामद कर ली गई है, जबकि उनके एक अन्य साथी की पहचान नहीं हुई है और पुलिस उनके साथी की पहचान और चोरी हुई बाकी की रकम की बरामदगी के लिए पूछताछ कर रही है।
पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि छह जुलाई की रात संगम विहार के शनि बाजार रोड स्थित एटीएम से नकदी की चोरी की पीसीआर कॉल मिली। कॉलर ने बताया कि उन्होंने अपने खजांची (कैशियर) के साथ एटीएम में सात लाख की नकद राशि एक जुलाई शाम करीब छह बजे एटीएम में जमा की थी, जिसके बाद एटीएम में कुल बैलेंस 23 लाख 21 हजार छह सौ हो गया था।
51 लाख रुपये की हुई थी चोरी
आगे पांच जुलाई को उसी कंपनी के दो अन्य एटीएम से 18 लाख 40 हजार और दूसरे से 12 लाख 50 हजार रुपए गायब मिले। इसके बाद कंपनी के सहायक प्रबंधक ने तीन एटीएम से कुल 51 लाख रुपए चोरी की शिकायत दर्ज कराई। छानबीन के दौरान मौके के आसपास क्राइम टीम को एटीएम को तोड़ने इत्यादि का कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस ने इन एटीएम में पैसे जमा करने वाले कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की। एटीएम के आसपास की सीसीटीवी फुटेज में तीन कर्मचारी विवेक कुमार, साहिल रजा अंसारी और एक अन्य एटीएम से नकद बाहर ले जाते दिखाई दिए। छानबीन में पता चला कि विवेक तीन दिन से गायब है और साहिल छुट्टी पर है। उनके घरों पर पुलिस ने छापेमारी की तो वे फरार थे।
लोकेशन छिपाने के लिए बदले सिम कार्ड
जांच में पता चला कि विवेक खुद की लोकेशन छिपाने के लिए 13 सिम कार्ड और छह मोबाइल फोन बदल चुका है। इसके बाद पुलिस को उसकी लोकेशन मीठापुर में मिली, जहां छापा मारकर पुलिस ने विवेक के साथ ही पास में किराए पर रह रहे साहिल रजा को भी गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस द्वारा कुल 10 लाख 20 हजार नकद बरामद किया गया।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे जब भी किसी एटीएम में पैसे जमा करते थे या किसी एटीएम में पैसों की निकासी से संबंधित कोई समस्या होती थी तो कंपनी की ओर से उन्हें एक ओटीपी मिलती थी, जिससे कि एटीएम खोला जाता था। एक जुलाई और दो जुलाई को उन्होंने इन एटीएम के डिस्पेंसर वायर को हटा दिया था।
इसकी वजह से कंपनी को निकासी (डिस्पेंसिंग) संबंधी शिकायत मिली। इस समस्या को सुलझाने का काम कंपनी ने विवेक को सौंपा, जिसके बाद विवेक ने अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर एटीएम को आधिकारिक रूप से खोला और फिर पैसे चुराकर रफूचक्कर हो गया।