दिल्ली में बाढ़ का खतरा कम होता दिखाई दे रहा है। यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है। रविवार रात 11 बजे तक वाटर लेवल 205.5 मीटर पर रहा वहीं खतरे का निशान 205.33 मीटर है। आज वाटर लेवल खतरे के निशान से नीचे आ सकता है।
वहीं वाटर लेवल खतरे के निशान से नीचे आने पर दिल्ली की सड़कों से पानी भी कम होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, अब धीरे-धीरे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट खोले जा रहे है। ओखला और चंद्रवाल प्लांट को खोला गया है. वजीराबाद प्लांट को आज खोला जा सकता है लेकिन इस बीच अब नई मुसीबतें सामने आ रही हैं क्योंकि इन इलाकों में अब मलबा और गंदगी का ढेर लग गया और अब बीमारियों का भी खतरा भी बढ़ गया है जिसमें बुखार, चिकनगुनिया जैसे भयंकर बीमारियां शामिल है।
उधर, ASI के अनुसार, पानी कम होने के बाद ये भी जांच की जाएगी कि कहीं लाल किले को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है। वहीं, जहां एक तरफ यमुना का जलस्तर घटने लगा है वहीं गंगा रौद्र रूप दिखाने लगा है। देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान के ऊपर रही है, साथ ही हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है।
यमुना बाजार इलाके में अंडर-ब्रिज सड़क मलबे और गायों के शवों का ढेर लग गया है और अब तक प्रशासन की ओर से कोई भी इन शवों को उठाने नहीं आया। गायों के शव संक्रमित होने लगे हैं, इससे क्षेत्र में भारी दुर्गंध फैलने लगी है।
वहीं, उत्तराखंड में रविवार को कई स्थानों पर बारिशबोने से बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े गया जिससे देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। अधिकारियों के मुताबिक गंगा 463.20 मीटर पर बह रही थी, जिसके बाद संगम घाट, रामकुंड, धनेश्वर घाट और फुलाड़ी घाट में पानी भर गया। बता दें कि अलकनंदा नदी पर बने बांध से 2,000-3,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।